अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई बृहस्पतिवार को
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के नौ नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर शीर्ष अदालत कल यानी बृहस्पतिवार को चैम्बर में विचार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट |
जस्टिस गोगोई के सेवानिवृत्त होने के कारण नई बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना को शामिल किया गया है।
पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए एक माह का समय दिया जाता है। नौ दिसम्बर को समाप्त हुई मियाद में कुल 18 समीक्षा याचिकाएं दायर की गई। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस धनंजय चंद्रचूड, अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की बेंच चैम्बर में आपसी बातचीत में यह तय करेगी कि पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की जाए या चैम्बर से ही निपटारा कर दिया जाए। चैम्बर में जज आपस में सलाह-मशविरे के बाद निर्णय लेते हैं और वकील नदारद रहते हैं। यदि खुली अदालत में सुनवाई का निर्णय लिया गया तो अगली तारीख पर सामान्य अदालत में सभी पक्षों को दलीलें पेश करने की अनुमति प्रदान की जाती है।
इस मामले में सबसे पहले दो दिसम्बर को पहली पुनर्विचार याचिका मूल वादी एम सिद्दिकी के कानूनी वारिस मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने दायर की थी। इसके बाद छह दिसम्बर को मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर कीं। इन सभी पुनर्विचार याचिकाओं को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त है। इसके बाद नौ दिसम्बर को दो पुनर्विचार याचिकाएं और दायर की गई थीं। इनमें से एक याचिका अखिल भारत हिन्दू महासभा की थी जबकि दूसरी याचिका 40 से अधिक लोगों ने संयुक्त रूप से दायर की।
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