आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव करेंगे : अमित शाह

Last Updated 29 Nov 2019 11:11:52 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ब्रिटिश राज में बने आईपीसी और सीआरपीसी जैसे कानून अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। आज की जरूरतों के मुताबिक इन कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा।


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को 47वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस-2019 के समापन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस चाह ले तो कोई चीज असंभव नहीं है।

गृहमंत्री ने कहा, "समय के अनुसार, आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव की जरूरत है। ये कानून तब बनाए गए थे, जब हम पर अंग्रेज शासन करते थे। उनकी प्राथमिकता में भारत के नागरिक नहीं थे, अब जब हम आजाद हैं तो इसमें जनता की सहूलियत के मुताबिक बदलाव की जरूरत है।" इसके लिए उन्होंने राज्यों से भी सुझाव मांगा है।

उन्होंने कहा कि जनता का नजरिया पुलिस के लिए और पुलिस का नजरिया जनता के लिए बदलना जरूरी है। फिल्मों में तोंद वाले पुलिसकर्मी को दिखाकर उसका मजाक उड़ाया जा सकता है, लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि पुलिसकर्मियों पर सुरक्षा की कितनी जिम्मेदारी होती है।

शाह ने कहा, "लोग दिवाली मना रहे होते हैं, पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे होते हैं। लोग छुट्टी लेकर घर जाते हैं, होली खेलते हैं लेकिन पुलिसकर्मी इस चिंता में रहते हैं कि कहीं कोई दंगा न हो जाए। पुलिस विभाग के 35 हजार जवानों ने अपनी शहादत दी, जिसके बाद इस देश के लोग आज खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।"

गृहमंत्री ने कहा, "हम मोड्स अपरेंडी ब्यूरो बनाने पर विचार कर रहे हैं। नारकोटिक्स ब्यूरो के स्वरूप में हम बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।"

शाह ने कहा कि जब तक प्रॉसिक्यूशन इसकी चिंता नहीं करेगा, अपराधियों को सजा नहीं मिलेगी। हर राज्य में डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन को मजबूत करना चाहिए। जेल मैनुअल का अपग्रेडेशन होना चाहिए। जेलें भी कानून व्यवस्था का हिस्सा हैं।"

केंद्रीय गृहमंत्री ने एक रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए विधेयक लाएगी। जिन राज्यों में पुलिस विश्वविद्यालय नहीं हैं, वहां इस विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज स्थापित किया जाएगा। इससे देश में रेडीमेड पुलिस अफसरों की जरूरत पूरी हो सकेगी।

उन्होंने कहा, "यह पुलिस साइंस कांग्रेस का 47वां आयोजन है। 1960 से ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि अब तक इन आयोजनों में जितने प्रस्ताव रखे गए हैं, उनमें से कितने लागू हुए इस पर भी एक आयोजन होना चाहिए।"

इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि समय के अनुसार, आज कम्युनिटी पुलिसिंग बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए जवानों को ठीक तरह से प्रशिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब साइबर अपराध पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। अपराध का दायरा इंटरनेशनल हो गया है, इसके लिए पुलिस को तकनीकी रूप से सक्षम किया जा रहा है।



तीन सत्रों को प्रमुख रूप से एडीजी आशुतोष पांडेय, राजा श्रीवास्तव, डीआईजी कलराज महेश कुमार, एसएसपी अलीगढ़ आकाश कुलहरि व अन्य आइपीएस अधिकारी अपने संबोधित किया। इससे पहले गुरुवार को पुलिस साइंस कांग्रेस में गुरुवार को महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा से लेकर फॉरेंसिक साक्ष्यों के बढ़ते महत्व पर मंथन हुआ।

आईएएनएस
लखनऊ


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