कश्मीर में खामोशी से मनी बकरीद
कश्मीर घाटी में सोमवार को छिटपुट विरोध प्रदर्शनों को छोड़कर मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई, लेकिन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सड़कों से त्योहार की रौनक गायब रही।
![]() जम्मू : नमाज के बाद लोगों को मिठाई व सेवइयां देते पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी। |
प्रशासन का दावा है कि लोगों की सहूलियत के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। इस मौके पर घाटी में प्रतिबंधों में थोड़ी छूट दी गई थी, ताकि लोग त्योहार के लिए खरीदारी कर सकें। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर में लोग नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले।
प्रशासन ने एक बयान में कहा कि श्रीनगर में आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था को बाधित करने की आशंका को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील इलाकों में जरूरी प्रतिबंध लगाए गए। स्थानीय मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे। बांदीपोरा में (दार उल उलूम रहिमिया 5000, जामिया मस्जिद 2000), बारामूला (10,000), कुपवाड़ा (ईदगाह 3500), सोपोर (1500), कुलगाम (काजीगुंड 5500, कैमोह 6000), शोपियां (3000), पुलवामा (1800), अवंतीपोरा (2500), अनंतनाग (अचबल 3000), गंदेरबल (7000 से अधिक), बडगाम (चरार-ए-शरीफ 5000, मगाम 8000) और श्रीनगर की स्थानीय मस्जिदों में सैकड़ों लोग एकत्र हुए।
प्रधान सचिव और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के आधिकारिक प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, ‘‘राज्य की मस्जिदों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से बीत गई। तीन छिटपुट प्रदर्शन हुए, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ।’’ प्रशासन ने किसी गोलीबारी की घटना से इंकार किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार हजारों लोगों ने नमाज अदा की। प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, बांदीपुर में बिना किसी अप्रिय घटना के सभी मस्जिदों में शांतिपूर्ण ढंग से ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। बारामूला के जामिया मस्जिद में करीब 10,000 लोगों ने नमाज अदा की।’’ प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू के ईदगाह में 4,500 से अधिक लोगों ने नमाज अदा की। जम्मू संभाग के संवेदनशील किश्तवाड़, डोडा, रामबन, पुंछ और राजौरी जिले में ईद की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हो गई।
अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति की समीक्षा कर रहा है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रतिबंधों से लोगों को कम से कम परेशानी हो। जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। जम्मू के ईदगाह में नमाज अदा करने वाले इमाम दीन ने कहा कि उन्हें अनुच्छेद 370 की परवाह नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि पाबंदियां समाप्त हों ताकि वह अपने परिवार से बातचीत कर सकें। कश्मीर के विद्यार्थी खुर्शीद डार की भी यही भावना थी।
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