जयपाल रेड्डी का निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया

Last Updated 28 Jul 2019 06:20:33 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी का बीती देर रात हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।


जयपाल रेड्डी का निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी को हाल में निमोनिया हुआ था और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां देर रात एक बजकर 28 मिनट पर उनका देहांत हो गया।      

अपनी वाक्पटुता और स्पष्टवादिता के लिए पहचाने जाने वाले रेड्डी ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी मूल्यों से समझौता नहीं किया और यहां तक कि वह आपातकाल को लेकर अपनी तत्कालीन राजनीतिक ‘बॉस’ इंदिरा गांधी का भी विरोध करने से नहीं हिचकिचाए थे।      

पोलियो के कारण रेड्डी की शारीरिक अक्षमता कभी उन्हें राजनीति की ऊंचाइयों पर पहुंचने से नहीं रोक पाई और वह पांच बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा सदस्य तथा चार बार विधायक रहे।      

देश में आपातकाल लगने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। कांग्रेस छोड़ने के बाद जनता पार्टी में शामिल हुए रेड्डी ने 1980 में मेडक लोकसभा क्षेत्र से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा और बाद में वह इससे अलग हुई पार्टी जनता दल में शामिल हुए।      

अद्वितीय वाक्पटुता और भाषण कौशल से उन्होंने न केवल प्रशंसा बटोरी, बल्कि इस हुनर ने उन्हें संयुक्त मोर्चा और राष्ट्रीय मोर्चा सरकारों तथा कांग्रेस पार्टी का प्रवक्ता भी बनाया।      

रेड्डी तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की मांग के कट्टर समर्थक थे।      

कांग्रेस नेताओं ने याद किया कि रेड्डी ने संप्रग-2 सरकार और कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी को तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कई दशकों तक सांसद रहते हुए उन्होंने विभिन्न सरकारों में अहम पद संभाले। उन्हें 1998 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था।      

वह 1969 से 1984 तक आंध्र प्रदेश (अविभाजित) विधानसभा के सदस्य रहे।      

रेड्डी पहली बार 1984 में लोकसभा के लिए चुने गए और वह 1990-96 तथा 1997-98 में राज्यसभा के सदस्य रहे।      

वह ऊपरी सदन में 1991-1992 में विपक्ष के नेता रहे।      

रेड्डी 1999 में फिर से कांग्रेस में शामिल हुए और 2004 में मिर्यलागुदा तथा 2009 में चेवेल्ला क्षेत्र से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए।      

वह इंद्र कुमार गुजराल सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे तथा मनमोहनसिंह सरकार में उन्हें कई विभाग दिए गए। संप्रग-2 में उन्हें शहरी विकास मंत्रालय सौंपा गया।      

बाद में वह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री बने लेकिन फिर उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपे गए जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।      

ऐसी अटकलें लगाई गईं कि जयपाल रेड्डी को पेट्रोलियम मंत्रालय से इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने कुछ तेल और गैस कंपनियों को उत्पादन के मुद्दों पर नोटिस जारी किए थे।      

जयपाल रेड्डी 2014 में महबूबनगर से लोकसभा चुनाव हार गए और उन्होंने 2019 में आम चुनाव नहीं लड़ा।      

कांग्रेस के लोकसभा सांसद कोमतीरेड्डी वेंकट रेड्डी ने कहा कि जयपाल रेड्डी का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा।      

जयपाल रेड्डी के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए वेंकट रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार को उनकी लोकप्रियता को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए एक स्थान आवंटित करना चाहिए।      

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेड्डी के देहांत पर शोक जताया है।      

कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री एस जयपाल रेड्डी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वह एक विचारशील नेता और उत्कृष्ट सांसद थे। उनके परिवार और उनके अनेक सहयोगियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’      

नायडू ने कहा कि रेड्डी चार दशक से उनके निकट मित्र थे और आंध्र प्रदेश विधानसभा में वे अगल-बगल बैठा करते थे।      

उपराष्ट्रपति ने एक संदेश में कहा, ‘‘वह शानदार वक्ता थे। उन्हें 1998 में ‘उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार’ से नवाजा गया था। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी और हाजिर जवाब रेड्डी अपनी पार्टी के एक प्रभावशाली प्रवक्ता थे।’’      

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेड्डी के निधन पर रविवार को शोक जताया और उन्हें प्रभावी प्रशासक बताया।      

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘श्री जयपाल रेड्डी को सार्वजनिक जीवन का वर्षों का अनुभव था। स्पष्ट वक्ता और प्रभावी प्रशासक के रूप में उनका सम्मान किया जाता था। उनके निधन से दुखी हूं।’’      

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता के निधन पर दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी रेड्डी के निधन पर शोक व्यक्त किया।      

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें बेहतरीन सांसद और तेलंगाना का महान पुत्र करार दिया। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने रेड्डी को बुद्धिमत्ता और ज्ञान का खजाना बताया।    

सिंह ने कहा, ‘‘अपने मित्र और वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री जयपाल रेड्डी के असमय निधन से बेहद दुखी हूं। वह बुद्धिमत्ता और ज्ञान का खजाना थे। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं।’’      

गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री जयपाल रेड्डी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं।’’      

उन्होंने कहा, ‘‘बेहतरीन सांसद, तेलंगाना के महान पुत्र, उन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा में समर्पित कर दिया। उनके परिवार और दोस्तों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’’      

पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा कि वह रेड्डी के निधन से काफी दुखी हैं।      

उन्होंने कहा, ‘‘उनके द्वारा कहे या लिखे हर शब्द में गहरी विद्वता और एक जुनून था जो असाधारण था। उन्होंने पुराने मूल्यों और नई दुनिया की तकनीकों को सहजता से जोड़ा।’’      

चिदम्बरम ने कहा कि रेड्डी को उनके मित्र, समर्थक और तेलुगू लोग बहुत याद करेंगे।

    

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, ‘‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी के निधन की खबर सुनकर हम बेहद दुखी हैं। वह पांच बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा के सदस्य और चार बार विधायक रहे। हम उम्मीद करते हैं कि उनके परिवार और दोस्तों को दुख की इस घड़ी से उबरने की शक्ति मिलेगी।’’      

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी रेड्डी के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘वह लोकतंत्र के आधुनिक मूल्यों के लिए खड़े रहे और उन्हें प्रशासन में त्रुटिहीन ईमानदारी के लिए जाना जाता था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’’

भाषा
हैदराबाद


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