...इससे बेहतर तो स्कूल होता है: नायडू

Last Updated 26 Jun 2019 03:33:08 PM IST

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन के सदस्यों के व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए बुधवार को कहा कि इससे बेहतर तो स्कूल होता है।


राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

नायडू ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए जरूरी दस्तावेज पटल पर रखवाए और सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपना वक्तव्य देते वक्त समयसीमा का ध्यान रखना चाहिए। वक्तव्य के समय अन्य सदस्यों को धीरे बोलना चाहिए और कार्यवाही में व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए। सदन में व्यवस्था बनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी सदस्य सदन के नियमों का पालन करें।

सभापति ने कहा, ‘‘किसी सदस्य ने कहा है कि यह कोई स्कूल है? ...अरे भाई, स्कूल तो इससे बेहतर होता है। वहां एक्शन तो ले सकते हैं।’’

गौरतलब है कि सभापति सदन का कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए व्यवस्था बनाये रखने पर जोर देते हैं और सदस्यों से सदन की नियमों और परंपराओं का पालन करने का अनुरोध करते हैं।

इसके बाद सभापति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं कराने की घोषणा की और बोलने के लिए सदस्य का नाम पुकारा।

बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह के बोलने के लिए 10 मिनट का समय मांगने पर नायडू ने कहा, ‘‘मैं क्या करूं? जनता ने (आपको) समय दिया ही नहीं।’’

सिंह को अपना वक्तव्य देने के लिए तीन मिनट का समय आवंटित हुआ था।

वार्ता
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment