चुनाव में NDA को मिले बहुमत को देश की हार बताना मतदाताओं का अपमान: मोदी

Last Updated 26 Jun 2019 02:56:12 PM IST

लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के लिए ईवीएम पर ‘ठीकरा’ फोड़ने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष को ‘नकारात्मकता’ त्यागने और देश की विकास यात्रा में सकारात्मक योगदान देने की नसीहत दी।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

उन्होंने झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या किए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इसे लेकर पूरे एक राज्य को बुरा बताना अनुचित है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

बिहार में ‘चमकी’ बुखार के कारण बच्चों की लगातार मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थिति हमारी 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे।        

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता लड़ती है। 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी।’’        

भाजपा नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘देश की हार’ बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों और मीडिया का अपमान है।         

उन्होंने कहा कि ये चुनाव विशेष थे, कई दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें बनना मतदाताओं की सोच की स्थिरता जाहिर करता है। ‘‘भाजपा की जीत को लोकतंत्र और देश की हार बताना लोकतंत्र का अपमान है।’’

मोदी का तंज, कांग्रेस हारी तो देश हार गया?

विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस हारी तो देश हार गया। देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश। अहंकार की एक सीमा होती है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है।        

झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या किए जाने को ‘दुखद और शर्मनाक’ बताते हुए मोदी ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह हम मानते हैं। लेकिन इसे लेकर पूरे राज्य को गलत बताना अनुचित है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों को कठघरे में खड़ा करके हम अपनी राजनीति तो कर सकते हैं लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता।          
'आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक'

उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि ‘झारखंड मॉब लिन्चिंग का अड्डा हो गया है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। लेकिन इसे लेकर झारखंड राज्य को दोषी ठहराना उचित नहीं है। हमसे से किसी को भी पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार नहीं है।’’         

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य में हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का ढांचा स्थिति से निपटने में सक्षम है।        

बिहार में बच्चों की इन्सेफेलाइटिस के कारण मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए ‘दुख और शर्म’ की बात है। उन्होंने कहा कि आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे।       

 प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में वह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

प्रधानमंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। साथ ही धन्यवाद प्रस्ताव पर लाये गये विपक्ष के संशोधन प्रस्तावों को भी सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया।        

राजग को लोकसभा में पूर्ण बहुमत मिलने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘कई साल बाद दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनना. इससे मतदाताओं की परिपक्वता की सुगंध आती है। 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी। जनता सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचा रही थी। चुनाव का एक वैश्विक मूल्य होता है।’’     

उन्होंने विपक्ष द्वारा लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर भाजपा पर किए गए हमले पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘यह कहा जाता है कि आप तो चुनाव जीत गये हैं लेकिन देश हार गया है। ऐसा कहना लोकतंत्र और देश की जनता का अपमान है। यह बात देश के लोगों को गंभीर रूप से सोचने पर मजबूर करती है। क्या वायनाड, रायबरेली, बहरामपुर या अमेठी में हिन्दुस्तान हार गया है।’’        

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गए। राहुल वायनाड संसदीय सीट से और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली संसदीय सीट से चुनाव जीते हैं।         

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तंज किया, ‘‘कांग्रेस हारी तो देश हार गया। देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश। अहंकार की एक सीमा होती है। 55 साल तक देश पर राज्य करने वाली पार्टी 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पायी।’’        

उन्होंने कहा, ‘‘(राजग की जीत पर) इस प्रकार की भाषा बोल कर देश के मतदाताओं के विवेक पर सवाल उठाया गया। मतदाताओं का अपमान बड़ी पीड़ा देता है। यहां तक कह दिया गया कि किसान दो दो हजार रूपये में बिक गया। यह कहना देश के किसानों का अपमान है। इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करके आपने (कांग्रेस ने) 15 करोड़ किसान परिवारों का अपमान किया है।’’         

चुनावी हार के लिए ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने से बाज आये कांग्रेस: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्या तमिलनाडु या केरल में यही बात लागू होगी? उन्होंने कहा कि विपक्ष ने यह भी आरोप लगाये कि मीडिया के जरिये चुनाव जीता गया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या मीडिया को खरीद कर चुनाव जीता जा सकता है? हमें भारत के उस लोकतंत्र पर गर्व होना चाहिए जिसकी विश्व भर में प्रतिष्ठा है।’’        

चुनाव के दौरान ईवीएम के जरिये गड़बड़ी करने के आरोपों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय भाजपा भी मात्र दो सांसदों पर पहुंच गयी थी लेकिन हमने कभी इस तरह का ‘रोना-धोना नहीं किया’।        

उन्होंने कहा कि जब खुद पर भरोसा न हो, सामर्थ्य न हो तथा आत्ममंथन की तैयारी नहीं हो तो ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि जब से ईवीएम का उपयोग शुरू हुआ है, तब से चुनावी हिंसा और चुनावी धांधली खत्म भी हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ईवीएम को शुरू किया, वे ही आज इसे लेकर शिकायतें कर रहे हैं।        

उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी ने भी एक समय में ईवीएम पर सवाल उठाये थे। पर बाद में प्रौद्योगिकी को समझकर इसे अपनाया।         

उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि आप पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं? ‘‘आपके साथ समस्या यह है कि आप जीत को पचा नहीं सकते और हार को स्वीकार करने की आपमें सामर्थ्य नहीं है।’’         

‘एक देश एक चुनाव’ का कांग्रेस द्वारा विरोध करने की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा 1952 से चुनाव सुधार लगातार हो रहे हैं और होते रहने चाहिए।

मोदी की विपक्ष को सलाह, ‘एक देश एक चुनाव’ को सिरे से खारिज करना ठीक नहीं

‘एक देश एक चुनाव’ को सिरे से खारिज करना ठीक नहीं है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह इस सुझाव पर विचार तो करें। उन्होंने कहा ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा को पार्टियां चर्चा किए बिना ही खारिज कर रही हैं।’’

उल्लेखनीय है कि ‘एक देश एक चुनाव’ मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार द्वारा हाल में बुलायी गयी सभी दलों के नेताओं की बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था।        

उन्होंने सवाल किया कि जब हम नया भारत बना रहे हैं तो हम तकनीक से कहां तक भागेंगे? उन्होंने जीएसटी, आधार, प्रौद्योगिकी, ईवीएम का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की। 

भाषा
नयी दिल्ली


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