सिद्धू के बयान पर बीजेपी का पलटवार, कहा- मोदी काले हैं तो क्या हुआ, हिंदुस्तान के रखवाले हैं
प्रधानमंत्री मोदी पर सिद्धू की टिप्पणी के लिये कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि सिद्धू मोदी जी की तुलना ‘काले अंग्रेज‘ से करते हैं, तो क्या सोनिया गांधी हिंदुस्तानी है?
प्रतिकात्मक फोटो |
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधानमंत्री मोदी एवं 130 करोड़ भारतीयों को कथित रूप से ‘काले अंग्रेज’ कहे जाने की कड़ी आलोचना की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि कांग्रेस को सोनिया गांधी, एंडरसन, क्वात्रोच्ची, क्रिश्चेन मिशेल के रंग पसंद हैं जो 23 मई को उसके जेहन से उतर जाएगा।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रोज अनर्गल बोलने वाले कांग्रेस नेता सिद्धू अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के 1984 के सिखों के सामूहिक संहार के बारे में विवादित बयान पर चुप रहे और उसी 1984 के दंगों में शामिल रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की गोद में बैठ कर आज बदजुबानी कर रहे हैं। उन्होंने मोदी और हिन्दुस्तानियों को काले अंग्रेज कहा है।
संबित पात्रा ने कहा, ‘‘सिद्धू ने मोदीजी और हिन्दुस्तानियों को काला अंग्रेज कहा है मैं आपसे पूछता हूं, मोदी जी काले अंग्रेज और सोनिया जी हिंहदुस्तानी? ये कहां का न्याय है? मोदी जी काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं, मोदी जी काले हैं तो क्या हुआ गरीबों के रखवाले हैं।’’ उन्होंने जोर दिया कि मोदी को हिंदुस्तान प्यार करता है और मोदी जी हिंदुस्तान को प्यार करते हैं। इसलिए ये केवल मोदी जी का नहीं बल्कि हिंदुस्तान का अपमान है । कांग्रेस अपने ‘इटैलियन रंग’ पर गुमान ना करे। 23 तारीख को मतगणना वाले दिन उसका यह इटैलियन रंग उतर जाएगा।
उन्होंने कहा कि सिद्धू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कप्तान मानते हैं और अब उन्हें हिन्दुस्तानी काले अंग्रेज नजर आने लगे हैं। यह चाटुकारिता की पराकाष्ठा है। इनको सोनिया गांधी, वारेन एंडरसन, ओतावियो क्वात्रोच्ची, क्रिश्चेन मिशेल का रंग सही लगता है और मोदी काले अंग्रेज लगते हैं। जनता सब देख रही है और इसका जवाब वही देगी।
सिद्धू द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘नयी नवेली दुल्हन’ से तुलना करने की कड़ी भर्तस्ना करते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस न सिखों का सम्मान करती है, न हिन्दुस्तानियों का और न ही महिलाओं का। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं केवल रोटी बनाने या चूड़ियां खनकाने का काम नहीं करतीं हैं, वे हर क्षेत्र में कार्यरत हैं और दुनिया को आगे बढ़ाने का काम कर रहीं हैं।
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