शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाना बलात्कार है

Last Updated 16 Apr 2019 06:10:15 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक अहम फैसला में कहा कि शादी का झांसा देकर किसी महिला के साथ यौन सम्बंध बनाना बलात्कार जैसा है क्योंकि यह महिला के सम्मान पर गहरा आघात है।


सर्वोच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति एल. नागेर राव और एमआर शाह ने अपने हालिया फैसले में माना कि बलात्कार किसी महिला के सम्मान पर गहरा आघात है और अगर सच्चाई यह है कि शोषित महिला और उसके साथ बलात्कार करने वाला व्यक्ति अपने परिवार का ध्यान रख रहा है।

अदालत ने माना कि ऐसी घटनाएं आज के आधुनिक समाज में काफी तेजी से बढ़ रही हैं। अदालत ने कहा, ऐसी घटनाएं किसी महिला के आत्मसम्मान और उसकी गरिमा पर गहरा आघात हैं।

अदालत का यह फैसला एक महिला द्वारा छत्तीसगढ़ स्थित एक डॉक्टर पर 2013 में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाने से जुड़े मामले पर आया है। महिला कोनी (बिलासपुर) की निवासी है और 2009 से डॉक्टर से परिचित थी। इन दोनों के बीच प्रेम सम्बंध था।

आरोपी ने महिला को शादी करने का झांसा दिया था और डॉक्टर द्वारा किए गए इस वादे के बारे में दोनों पक्षों के परिवार अच्छी तरह जानते थे। आरोपी की बाद में एक अन्य महिला के साथ सगाई हो गई लेकिन उसने पीड़िता के साथ प्रेम सम्बंध खत्म नहीं किया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment