मोदी पर ट्रंप के तंज को भारत ने किया खारिज
अफगानिस्तान को बदलने में विकास संबंधी सहयोग बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। युद्ध से त्रस्त देश में एक ‘पुस्तकालय’ के वित्त पोषण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसने को खारिज करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज (file photo) |
सूत्रों ने कहा कि भारत कई बड़ी निर्माण परियोजनाओं को लागू कर रहा है, साथ ही अफगानिस्तान में लोगों की जरूरतों के मुताबिक सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग देश को आर्थिक रूप से समृद्ध और स्थिर करने के लिए जारी रहेगा। अफगानिस्तान में एक ‘पुस्तकालय’ का वित्त पोषण करने के लिए ट्रम्प ने मोदी पर तंज कसा था और कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है।
साथ ही उन्होंने उस देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर भारत एवं अन्य देशों की आलोचना की थी। नए साल में बुधवार को कैबिनेट की पहली बैठक में ट्रम्प ने भारत, रूस, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से कहा था कि अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें। सूत्रों ने कहा कि सामुदायिक विकास पहल के तहत भारत छोटे पुस्तकालय बनवा सकता है।
पीएम पर ट्रंप की टिप्पणी अस्वीकार्य : कांग्रेस
अफगानिस्तान में एक पुस्तकालय के वित्त पोषण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसने को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में विकास कायरे के संदर्भ में भारत को अमेरिका से उपदेश की जरूरत नहीं है।
पार्टी ने यह भी कहा कि ट्रंप की टिप्पणी ‘अस्वीकार्य’ है और उम्मीद है कि भारत सरकार इसका सख्ती से जवाब देगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, प्रिय ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए। अफगानिस्तान पर भारत को अमेरिका के उपदेश की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत ने अफगानिसतान में नेशनल असेंबली की इमारत बनाने में मदद की।
मानवीय जरूरतों से लेकर रणनीतिक-आर्थिक साझेदारी तक, हम अफगान भाइयों एवं बहनों के साथ हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी ठीक नहीं है। यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, हम आशा करते हैं कि सरकार सख्ती से इसका जवाब देगी और अमेरिका को याद दिलाएगी कि भारत ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर सड़कें एवं बांध बनवाएं हैं तथा तीन अरब डॉलर के मदद की प्रतिबद्धता भी जताई है। दरअसल, अफगानिस्तान में एक ‘पुस्तकालय’ का वित्त पोषण करने के लिए ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है।
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