जार्डन के शाह 27 फरवरी से तीन दिवसीय भारत यात्रा पर
जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को भारत आ रहे हैं. यहां वह इस्लामिक विरासत और उदारवाद को बढ़ावा देने के बारे में विशेष संबोधन देंगे.
![]() जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (file photo) |
पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी के वंशज शाह को आतंकवाद तथा कट्टरपंथ से लड़ने के लिए उनकी वैश्विक पहल के लिए जाना जाता है.
वह यरुशलम की ओल्ड सिटी में स्थित अल अक्सा मस्जिद के संरक्षक भी हैं. इसे इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संघषर्रत पश्चिम एशिया में जॉर्डन को भारत स्थिरता और समरसता का स्थल मानता है. सूत्रों ने बताया कि शाह के दौरे में दोनों पक्षों का लक्ष्य विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देना होगा. इस दौरान रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में रूपरेखा भी तय होगी.
सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के शाह के बीच होने वाली बातचीत में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा फिलिस्तीन मुद्दा, आतंकवाद, अतिवाद तथा कट्टरपंथ से निबटने के तरीकों पर भी चर्चा होगी.
बृहस्पतिवार को विज्ञान भवन में जॉर्डन के शाह विशेष संबोधन देंगे. इसे सुनने के लिए मोदी के अतिरिक्त कई वरिष्ठ गणमान्य नागरिक, देशभर के अग्रणी इस्लामिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के आने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि विशेष संबोधन के विषय ‘इस्लामिक विरासत, उदारवाद और तालमेल को बढ़ावा देना’ को शाह ने खुद चुना है.
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