पादरी टॉम 18 महीने बाद इस्लामी आतंकवादियों के चंगुल से मुक्त
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि केरल के कैथोलिक पादरी फादर टॉम उझुन्नालिल को यमन में छुड़ा लिया गया है. अदन में इस्लामी आतंकवादियों ने उन्हें 18 महीने पहले अगवा कर लिया था.
![]() पादरी फादर टॉम उझुन्नालिल (फाइल फोटो) |
सुषमा ने एक ट्ववीट में कहा, मैं यह जानकारी देते हुए खुश हूं कि फादर टॉम उझुन्नालिल को छुड़ा लिया गया है.
फादर उझुन्नालिल को युद्ध प्रभावित देश यमन के बंदरगाह शहर अदन में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अगवा कर लिया था. आतंकी संगठन ने मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित एक देखभाल केन्द्र पर हमला करने के बाद उनका अपहरण किया था. इस हमले में वृद्धाश्रम के कम से कम 15 लोग मारे गए थे.
वहीं, ओमान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ओएनए ने कहा है कि ओमान यमनी पक्षकारों के साथ तालमेल कर फादर का पता लगाने में कामयाब रहा और उन्हें मस्कट ले जाया गया, जहां से वे केरल लौटेंगे.
यह बताया गया कि पादरी ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया और ओमान के सुल्तान काबूस बिन साद की सराहना की. उन्होंने अपनी सुरक्षित रिहाई के लिए प्रार्थना करने वाले सारे लोगों का भी शुक्रिया अदा किया.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि पादरी की रिहाई राहत देने वाली है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, मुझे लगता है कि ओमान के हस्तक्षेप ने उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने कहा कि पादरी को केरल पहुंचने के लिए और उन्हें इलाज में हर सहायता मुहैया की जाएगी.
कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया प्रेसीडेंट एंड मेजर आर्चबिशप ऑफ सायरो मलंकारा चर्च बसेलियस कार्डिनल क्लीमीस कैथोलिक्स एंड बिशप थियोडोर मैसक्रेहांस, सीबीसीआई महासचिव ने कहा कि पादरी की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए चर्च भारत सरकार और सभी संबद्ध लोगों का आभारी है.
गौरतलब है कि दिसंबर में पादरी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने सरकार से उन्हें छुड़ाने की अपील की थी. इस वीडियो में उन्हें यह कहते सुना जा सकता था, यदि मैं यूरोपीय पादरी होता तो मुझे कहीं अधिक गंभीरता से लिया जाता. मैं भारत से हूं. मैं शायद ज्यादा मायने नहीं रखता.
जुलाई में सुषमा ने पादरी के अपहरण का विषय यमन के उप प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया था और उनसे उनकी रिहाई सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया था.
पिछले साल सुषमा ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद ही विभिन्न देशों से बात की थी ताकि पादरी को रिहा कराया जा सके.
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