भारत-ब्रिटेन के कारोबारी एफटीए को लेकर उत्साहित
भारत-ब्रिटेन में काम करने वाले कारोबारियों और उद्योग विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के उनके समकक्ष किअर स्टार्मर के बीच हस्ताक्षरित होने वाले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर बृहस्पतिवार को खुशी जाहिर की। इस समझौते से सभी क्षेत्रों में शुल्क ‘लाइन’ और नियामकीय प्रक्रियाओं में काफी कमी आने की संभावना है।
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स्टार्मर ने इस करार को ब्रिटेन की कंपनियों के लिए एक ‘‘बड़ी जीत’’ बताया है। वहीं उद्योग जगत के कई लोगों ने वस्तुओं एवं सेवाओं के अधिक प्रवाह की संभावनाओं पर उत्साह व्यक्त किया, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती पेशकशों के अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
ब्रिटेन के व्यापार विभाग (डीबीटी) द्वारा मुक्त व्यापार समझौते के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत ने अपनी शुल्क ‘लाइन’ में 90 प्रतिशत से अधिक की कटौती कर दी है। साथ ही नियामकीय बाधाओं को कम करने से भारत को निर्यात में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
वाइब्रेंट फूड्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक राहुल काले ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन और यूरोप में दक्षिण एशियाई खाद्य पदार्थों के अग्रणी उत्पादकों में से एक के रूप में हम भारत से विभिन्न प्रकार के कृषि खाद्य उत्पादों जैसे दालें, मसूर, मसाले, मेवे, आटा और चावल का आयात करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम ब्रिटेन और भारत के बीच इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार आसान होगा, रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और नवोन्मेषण को प्रोत्साहन मिलेगा।’’
क्यूडीटी एनालिटिक्स के ब्रिटेन स्थित निदेशक शिवालकर परमानंदम ने कहा, ‘‘हम काफी उत्साहित हैं क्योंकि ब्रिटेन-भारत व्यापार समझौते से हमारे लिए व्यापारिक लेन-देन और भी आसान हो जाएगा। पहले (भारत में शराब के आयात पर) 150 प्रतिशत कर लगता था, जो अब कम हो जाएगा। साथ ही, ब्रिटेन और भारत के बीच निर्यात एवं आयात करने के लिए बहुत से दस्तावेजों की जरूरत भी कम हो जाएगी और प्रक्रिया बहुत सरल हो जाएगी।’’
परमानंदम, शराब और खाद्य उत्पादों जैसे उत्पादों के निर्यात-आयात के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना होकर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ने (ब्रेक्जिट) के बाद ब्रिटेन के लिए यह सबसे ‘‘महत्वपूर्ण’’ द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। साथ ही यह भारत के लिए अबतक का ‘‘सबसे व्यापक’’ समझौता होगा।
कोबरा बीयर के संस्थापक और भारत सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी) के सह-प्रमुख लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि यह ऐतिहासिक समझौता हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश एवं व्यावसायिक साझेदारी को गति प्रदान करेगा। मुझे विश्वास है कि अगले पांच साल में हमारा द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 80 अरब पाउंड से भी अधिक हो जाएगा।’’
इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के प्रमुख एवं ‘यूके इंडिया फ्यूचर फोरम’ के संस्थापक मनोज एल. ने एफटीए के क्षेत्र-व्यापी विस्तार पर प्रकाश डाला और इसे ‘‘ पारस्परिक महत्वाकांक्षा, वैश्विक समस्या-समाधान, कृत्रिम मेधा (एआई), जीवन विज्ञान, हरित प्रौद्योगिकी और डिजिटल बदलाव जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों पर आधारित ठोस साझेदारी’’ बनाने का अवसर बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रेक्जिट के बाद से, ब्रिटेन की सभी सरकारें विश्व मंच पर ब्रिटेन की भूमिका के लिए एक स्पष्ट और सम्मोहक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने में संघर्ष कर रही हैं।
मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) जिस पर छह मई को सहमति बनी थी उस पर कानूनी रूप से पूरी तरह से गौर कर लिया गया है। इस हफ्ते इसे ब्रिटेन की संसद में पेश किया जाएगा। अब ब्रिटेन की सरकार इस समझौते को लागू करने से पहले इसे औपचारिक रूप से स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू करेगी, ताकि यह आने वाले महीनों में लागू हो सके।
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