दिल्ली उच्च न्यायालय में गुरूवार को तीन नए न्यायाधीशों ने पद की शपथ ली और इसके साथ ही अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 43 हो गयी है।
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दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने न्यायमूर्ति विनोद कुमार, न्यायमूर्ति शैल जैन और न्यायमूर्ति मधु जैन को पद की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण समारोह उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित किया गया। तीनों न्यायाधीशों ने हिंदी में शपथ ली।
इसके साथ ही अब उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 43 हो गयी है। उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 60 है।
केंद्र ने 22 जुलाई को दिल्ली जिला न्यायपालिका के तीन न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी।
दिल्ली न्यायिक सेवा में 1992 में शामिल हुए तीनों अधिकारी अपनी पदोन्नति से पहले विभिन्न निचली अदालतों में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। विनोद कुमार कड़कड़डूमा अदालत में, मधु जैन तीस हजारी अदालत में और शैल जैन साकेत अदालत में पदस्थ थे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने एक जुलाई को न्यायिक अधिकारी शैल जैन और मधु जैन के नामों की दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सिफ़ारिश की थी। एक दिन बाद, कॉलेजियम ने न्यायिक अधिकारी विनोद कुमार के नाम की भी सिफ़ारिश की।
छह अन्य न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव, न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे, न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल, न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला ने 21 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली थी।
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