मोदी ब्रिक्स शिखर बैठक के लिये चीन पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौवीं ब्रिक्स शिखर बैठक में भाग लेने के लिये रविवार को चीन के तटवर्ती शहर शियामेन पहुंच गये जहां वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे तथा वैश्विक आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं क्षेत्रिय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
![]() प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो) |
नयी दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के तहत नये मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद श्री मोदी एयर इंडिया के विशेष विमान से रविवार को अपरान शियामेन के लिए रवाना हुए थे. वह पांच सितंबर को शियामेन से म्यांमार की तीन दिन की यात्रा पर जाएंगे.
श्री मोदी के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के साथ ही इस संगठन के सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की भी उम्मीद है.
प्रधानमंत्री ने शनिवार शाम अपने यात्रा पूर्व वक्तव्य में वैश्विक चुनौतियों से निपटने और शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में ब्रिक्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उम्मीद जतायी कि इस शिखर सम्मेलन में सृजनात्मक चर्चा होगी और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे, जो इन देशों की साझीदारी का एजेंडा मजबूत करेंगे.
ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों ब्राजील, रूस भारत और दक्षिण अफ्रीका के अलावा इस बार ब्रिक्स प्लस कार्यक्रम के अंतर्गत चीन ने थाईलैंड, मेक्सिको, मिस्र, गिनी और ताजिकिस्तान को आमंत्रित किया है.
प्रधानमंत्री ने अपने यात्रा पूर्व संदेश में कहा कि वह पिछले साल अक्टूबर में गोवा में हुए ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में लिए गये निर्णयों और परिणामों को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि चीन के नेतृत्व में होने वाले नौवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सृजनात्मक विचार -विमर्श होगा और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे, जो इन देशों की साझीदारी के एजेंडा को मजबूती प्रदान करेंगे.
उन्होंने कहा कि उन्हें सम्मेलन के इतर सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत का अवसर भी मिलेगा. श्री मोदी ने कहा कि शांति और प्रगति की साझेदारी में ब्रिक्स का दूसरा दशक शुरू हुआ है और भारत संगठन की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण मानता है. ब्रिक्स का वैश्विक चुनौतियों से निपटने और शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उभरते हुए बाजारों और विकासशील देश के बीच संवाद पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा आयोजित बैठक में ब्रिक्स सदस्य देशों के अलावा पांच अन्य देशों के नेताओं से भी मिलने का मौका मिलेगा. इस दौरान वह सभी पांचों देशों के उद्योगपतियों से ब्रिक्स बिजनेस परिषद की बैठक के दौरान बातचीत करेंगे.
मोदी पांच सितम्बर को दोपहर म्यांमार की राजधानी ने प्यी दॉ के लिये रवाना होंगे, जहां राष्ट्रपति यू तिन क्यॉ से उनकी भेंट होगी. शाम को म्यांमार के राष्ट्रपति ने श्री मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन करेंगे.
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अगले दिन छह तारीख को सुबह उनकी स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी और परस्पर सहयोग के करार पर हस्ताक्षर किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि बैठक में म्यांमार की पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए सहयोग के समझौतों की समीक्षा की जायेगी, जिसमें कालादान परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग आदि शामिल हैं.
श्री मोदी ने अपनी म्यांमार यात्रा से दोनों देशों के संबंधों के नये उज्ज्वल अध्याय के शुरू होने का विश्वास जताते हुए कहा है कि इससे भारत एवं म्यांमार के बीच सरकार, कारोबार एवं जनता के बीच सहयोग का रोडमैप बनेगा.
प्रधानमंत्री इस दौरान विरासत शहर बगान भी जाएंगे, जहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने आनंद मंदिर के जीर्णोद्धार में शानदार काम किया है. सर्वेक्षण विभाग वहां कई पैगोडा एवं भित्तिचित्रो का जीर्णोद्धार करेगा, जो गत वर्ष भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गये हैं.
अधिकारियों ने बताया कि श्री मोदी यांगून में जोडेगॉन पैगोडा, एक हिन्दू मंदिर जायेंगे और अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाहजफर की मार को भी देखने जाएंगे. यांगून में वह भारतीय समुदाय के लोगों से भेंट करेंगे और एक स्वागत समारोह को संबोधित करेंगे.
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