रेप केस में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को CBI कोर्ट से 10 साल की सजा
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी बलात्कार मामले में आज 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी. राम रहीम को धारा 376, 511 और 506 के तहत दोषी पाया गया है.
![]() राम रहीम पर CBI कोर्ट की सुनवाई शुरू (फाइल फोटो) |
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने सुनारिया जेल में स्थापित विशेष अदालत में राम रहीम को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. पचास वर्षीय राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी पाया गया है.
गुरमीत को आज सजा सुनाए जाने के मद्देनजर रोहतक के भीतर और बाहर पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई थीं. जेल की ओर जाने वाले सभी मार्गो को सील कर दिया गया था तथा सेना को तैयार रखा गया था.
हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है जहां अधिकारियों ने सुरक्षा हालात को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए हिंसक शरारती तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे.
हरियाणा के पंचकूला स्थित सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ने 25 अगस्त को 15 साल इस पुराने मामले में राम रहीम को साध्वी के साथ बलात्कार का दोषी करार दिया था.
राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकूला के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में डेरा के अनुयायियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी, जिसे देखते हुए सजा सुनाने के लिए जेल में ही अस्थायी रूप से विशेष अदालत स्थापित की गयी. राम रहीम को सजा सुनाने के लिए न्यायाधीश को हेलीकॉप्टर से सुबह सुनारिया जेल लाया गया.
दोषी ठहराये जाने के बाद अनुयायियों द्वारा की गयी हिंसा के मद्देनजर इस बार प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं. रोहतक जेल के आस-पास का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है और कई किलोमीटर के दायरे में किसी को आने-जाने पर पूरी तरह रोक रही. कई स्तरों पर सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी और रोहतक में धारा 144 लगायी गयी है.
यह मामला वर्ष 2002 का है, तब एक साध्वी ने गुमनाम पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से इस मामले की जांच की गुहार लगाई थी. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिये थे.
जांच एजेंसी ने 30 जुलाई 2007 को मामला दर्ज किया था और इस मामले में 18 साध्वियों से पूछताछ की थी, जिनमें से दो ने बलात्कार की बात स्वीकार की थी. इस मामले में छह सितंबर 2008 को सुनवाई शुरू हुयी.
विशेष सीबीआई अदालत ने सितंबर 2008 में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आरापधिक रूप से डराना धमकाना) के तहत राम रहीम के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
वर्ष 2009 और 2010 में दोनों शिकायतकर्ताओं ने अदालत के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए थे .
बाद में सीबीआई की विशेष अदालत को अंबाला से पंचकूला स्थानांतरित कर दिया गया और डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला भी पंचकूला सीबीआई अदालत में स्थानांतरित हो गया.
जुलाई 2017 में अदालत ने मामले की नियमित सुनवाई का आदेश दिया तथा अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस 17 अगस्त 2017 को पूरी हो गई .इसमें 25 अगस्त को राम रहीम को दोषी ठहराया गया.
गुरमीत राम रहीम ने सुनवाई के दौरान बलात्कार के आरोप को झूठा करार दिया और कहा कि वह शारीरिक संबंध बनाने में ‘सक्षम’ नहीं है.
गत 25 अगस्त को हुई हिंसा में 38 लोग मारे गये थे. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अगले 48 घंटे के लिए हरियाणा में इंटरनेट और मोबाइल सेवायें निलंबित कर दी थी. पंजाब में भी 29 अगस्त तक इंटरनेट मोबाइल सेवाओं को निलंबित रखा गया है.
- धारा 376, 511 और 506 के तहत सजा का ऐलान
- सजा सुनाए जाने से पहले राम रहीम की आंखों में आंसू थे और हाथ जोड़कर वह अदालत से दया की मांग कर रहे थे.
- सिरसा में डेरा प्रमुख की सजा से पहले राम रहीम समर्थकों ने गुंडागर्दी शुरू कर दी है. समर्थकों ने सिरसा के पास फुल्का में दो गाड़ियों में आग लगा दी है.
- सीबीआई के वकील ने उम्र कैद की मांग की.
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