Safety Audit Of Schools: स्कूलों में अब सुरक्षा ऑडिट कराना जरूरी
Safety Audit Of Schools: शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर स्कूलों में बच्चों से जुड़ी संरचनाओं तथा सुरक्षा तंत्र का ऑडिट करना अनिवार्य कर दिया है।
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अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों से इमारतों की संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने को भी कहा है। यह कदम राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को एक सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा गिरने के एक दिन बाद उठाया गया है।
राजस्थान में स्कूल में हुए हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए थे। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छात्रों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा संहिताओं के अनुरूप स्कूलों और बच्चों से संबंधित संरचनाओं का अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट, आपातकालीन तैयारियों के लिए कर्मचारियों और छात्रों को प्रशिक्षण देना आदि शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संरचनात्मक समग्रता, अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकास और बिजली के तारों का गहन मूल्यांकन किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कर्मचारियों और छात्रों को आपातकालीन तैयारियों का प्रशिक्षण दिया जाए, जिसमें निकासी अभ्यास, प्राथमिक उपचार और सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं।’’
मंत्रालय ने सिफारिश की कि स्थानीय प्राधिकारियों (एनडीएमए, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस और चिकित्सा एजेंसियां) के साथ सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि समय-समय पर प्रशिक्षण सत्र और मॉक ड्रिल आयोजित की जा सकें। शारीरिक सुरक्षा के अतिरिक्त, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा इसके लिए परामर्श सेवाएं, सहकर्मी सहायता प्रणाली और सामुदायिक सहभागिता जैसी पहल आदि शुरू की जानी चाहिए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी खतरनाक स्थिति, बाल-बाल बचने या बच्चों अथवा युवाओं को नुकसान पहुंचाने वाली किसी घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के प्राधिकरण को दी जानी चाहिए। देरी, लापरवाही या कार्रवाई में विफलता के मामलों में सख्त जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।’’
माता-पिता, अभिभावकों, सामु-दायिक नेताओं और स्थानीय निकायों को सतर्क रहने तथा स्कूलों, सार्वजनिक क्षेत्रों या बच्चों और युवाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले परिवहन के साधनों में असुरक्षित स्थितियों की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रालय ने शिक्षा विभाग, स्कूल बोर्ड और संबद्ध अधिकारियों से उपरोक्त उपायों को बिना किसी देरी के लागू करने का आग्रह किया है।’’
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