लिंगायत के साथ वोक्कालिंगा की शरण में भाजपा
हर हाल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने प्रदेश ने दो बड़े समुदायों को अपनी तरफ मोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है. पार्टी ने लिंगायत के साथ-साथ वोक्कालिंगा पर भी डोरे डाले हुए हैं.
लिंगायत के साथ वोक्कालिंगा की शरण में भाजपा (file photo) |
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने तीन दिन के दौरे में वोक्कालिंगा समुदाय के सबसे बड़े मठ आदिचंचनागिरि मठ जाकर इस समुदाय के लोगों में पैठ बनाने की कोशिश की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कोशिश है कि भारत के पूरे नक्शे को भगवा रंग से रंग दिया जाए. अभी भाजपा और उसके सहयोगी दलों की कुल मिलाकर 18 राज्यों में सरकार है. इस साल गुजरात में चुनाव है. इस राज्य को बनाए रखना भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ा है. जबकि कांग्रेस से हिमाचल और कर्नाटक और माकपा से त्रिपुरा छीनना भी उसके विस्तार के लिए जरूरी है. इसी मकसद से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक का तीन दिन का दौरा किया. इसमें जहां उन्होंने संगठन स्तर पर नेताओं की आपसी रंजिश, मनमुटाव को दूर किया वहीं समाज के विभिन्न वर्गोंके लोगों से मिलकर उन्हें अपने पक्ष में करने की कवायद की.
बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद और फिर भाजपा से निकाले जाने के बाद भाजपा से लिंगायत समाज नाराज हो गया था, जिसके कारण भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी थी. लिंगायत को खुश करने के लिए पार्टी ने फिर से येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया है. कर्नाटक में लिंगायत करीब 16 प्रतिशत हैं और दूसरे नंबर पर वोक्कालिंगा है. इनकी आबादी 14 प्रतिशत है. एचडी देवगौड़ा वोक्कालिंगा से हैं. वोक्कालिंगा को रिझाने के लिए अमित शाह नागामंगला तालुक के आदिचंचनागिरि मठ गए. यह मठ वोक्कालिंगा समाज का सबसे बड़ा मठ है. शाह ने बेंगलुरू के संस्थापक नादप्रभु केंपे गौड़ा का खास जिक्र किया जो वोक्कालिंगा में काफी सम्माननीय हैं. उन्हें समुदाय से जोड़ कर देखा जाता है. अमित शाह ने कनकापुर में आर्ट ऑफ लि¨वग के प्रणोता श्री श्री रविशंकर से भी मुलाकात की. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लागू करने लिए संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह मेंपूर्व प्रधानंमत्री देवगौड़ा को भी आमंत्रित किया था. इसका असर भी चुनाव में देखने को मिलेगा.
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