सती प्रथा की तरह रोकें तीन तलाक

Last Updated 18 Apr 2017 06:43:54 AM IST

आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड ने सोमवार को सती प्रथा उन्मूलन के लिए बनाए गए अधिनियम की तर्ज पर तीन तलाक के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग दोहराई.


बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास (file photo)

बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने शरई वजह के बगैर अपनी बीवी को तलाक देने वालों के सामाजिक बहिष्कार की अपील की है, मगर सिर्फ इतना काफी नहीं है. इससे पीड़ित महिला के साथ इंसाफ नहीं हो सकेगा.

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सती प्रथा रोकने के लिए बनाए गए कानून की तरह तीन तलाक पर रोक के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए, ताकि मासूम जिंदगियां बचाई जा सकें. हालांकि, अब्बास ने तीन तलाक के मुद्दे की तुलना द्रौपदी के चीरहरण से करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी को गलत बताते हुए कहा कि इन दोनों मामलों का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है.

गौरतलब है कि आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड ने पांच अप्रैल को अपनी कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव में भी सरकार से तीन तलाक खत्म करने की मांग करते हुए कहा था कि जिस तरह सती प्रथा के खात्मे के लिए कानून बना था, उसी तरह तीन तलाक का रिवाज बंद होना चाहिए.

तीन तलाक द्रौपदी के चीर हरण जैसा
कुछ लोग देश की इस ज्वलंत समस्या को लेकर मुंह बंद किए हुए हैं, तो मुझे महाभारत की वह सभा याद आती है, जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब द्रौपदी ने उस भरी सभा से एक प्रश्न पूछा था कि आखिर इस पाप का दोषी कौन है. तब कोई बोल नहीं पाया था, केवल विदुर ने कहा था कि एक तिहाई दोषी वे व्यक्ति हैं, जो यह अपराध कर रहे हैं, एक तिहाई दोषी वे लोग हैं, जो उनके सहयोगी हैं, और वे भी दोषी हैं जो इस घटना पर मौन हैं.

भाषा


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