कनाडा में खालिस्‍तानी आतंकियों को हो रही फंडिंग, खुद की रिपोर्ट में बड़ा कबूलनामा

Last Updated 06 Sep 2025 03:04:56 PM IST

आतंकवाद के वित्तपोषण पर कनाडा सरकार की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार कम से कम दो खालिस्तानी चरमपंथी समूहों को देश के भीतर से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।


‘2025 असेस्मेंट ऑफ मनी लॉन्डरिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क इन कनाडा’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कनाडा के अंदर से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले खालिस्तानी चरमपंथी समूहों की पहचान बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के रूप में की गई।

ओटावा की खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 1980 के दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत के पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने की कोशिश के माध्यम से उत्पन्न हुआ था।

उक्त रिपोर्ट के दो महीने बाद कनाडा सरकार की नयी रिपोर्ट आयी है।

नयी रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ ने नयी राजनीतिक व्यवस्थाएं या मौजूदा व्यवस्थाओं के भीतर नयी संरचनाओं और मानदंड स्थापित करने के लिए हिंसा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया।

रिपोर्ट के अनुसार, “राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ में धार्मिक तत्व शामिल हो सकते हैं लेकिन इसके कारक नस्लीय या जातीय वर्चस्व के बजाय राजनीतिक आत्मनिर्णय या प्रतिनिधित्व पर ज्यादा केंद्रित होते हैं।”

रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध और राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ में शामिल कई आतंकवादी संगठन जैसे हमास, हिज्बुल्ला और खालिस्तानी हिंसक चरमपंथी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल तथा इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन कनाडा के अंदर से ही वित्तीय सहायता प्राप्त करते पाये गए हैं।

कनाडा के वित्तीय लेनदेन एवं रिपोर्ट विश्लेषण केंद्र द्वारा 2022 में आतंकवादी गतिविधि वित्तपोषण पर जारी एक रिपोर्ट में हिज्बुल्ला को कनाडा से धन प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे अधिक बार चिह्नित किया गया अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन बताया गया था।

वर्ष 2025 की रिपोर्ट में राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ वित्तपोषण पद्धतियों का भी विस्तृत विवरण दिया गया और बताया गया कि हमास और हिज्बुल्ला स्थापित व बखूबी संसाधन संपन्न समूह हैं, जो इस श्रेणी में आते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार,ये समूह अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए विविध वित्तपोषण तौर-तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें बैंकिंग क्षेत्रों का दुरुपयोग, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग, सरकारी वित्तपोषण, धर्मार्थ और गैर-लाभकारी संगठनों का दुरुपयोग और आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं।

रिपोर्ट में सामने आया कि, “भारत के पंजाब प्रांत में एक स्वतंत्र क्षेत्र स्थापित करने के लिए हिंसक तरीकों का समर्थन करने वाले खालिस्तानी चरमपंथी समूहों पर कनाडा सहित कई देशों में धन जुटाने का संदेह है। इन समूहों का पहले कनाडा में धन उगाही का नेटवर्क था लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि इनमें ऐसे व्यक्तियों के छोटे समूह शामिल हैं, जो इस मुद्दे के प्रति निष्ठा रखते हैं लेकिन किसी विशिष्ट समूह से उनका कोई विशेष संबंध नहीं है।”

गैर-लाभकारी और धर्मार्थ गतिविधियों का दुरुपयोग उल्लेखित संगठनों के लिए एक चिंता का विषय है।

इस रिपोर्ट के आने से नयी दिल्ली के उन दावों की पुष्टि होती दिख रही कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्व बिना किसी रोक-टोक के भारत विरोधी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं।
 

भाषा
ओटावा


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