जो बाइडन का यूक्रेन की मदद का संकल्प, रूस को दी चेतावनी, कहा- परमाणु हथियारों का किया इस्तेमाल तो खैर नहीं

Last Updated 25 Mar 2022 11:30:11 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में, उस पर नए प्रतिबंध लगाने और युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता प्रदान करने का संकल्प जताया है।


यह मदद हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के मजबूत सैन्य सहायता की मांग पूरी नहीं करती।

बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका 1,00,000 यूक्रेनी शरणार्थियों का स्वागत करेगा और भोजन, दवा, पानी तथा अन्य आपूर्ति के लिए अतिरिक्त एक अरब डॉलर देगा।

पश्चिमी नेताओं ने बृहस्पतिवार को रूस के आक्रमण का मुकाबला करने के लिए आगे की कार्रवाई पर चर्चा की। साथ ही, इस बात पर भी विचार किया गया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियार की तैनाती करने की स्थिति में क्या कार्रवाई की जाएगी।

ब्रसेल्स में यूक्रेन के मुद्दे पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), सात औद्योगिक देशों के समूह और 27-सदस्यीय यूरोपीय परिषद ने आपातकालीन बैठक की।

इन बैठकों के बाद बाइडन ने शाम को संवाददाता सम्मेलन में चेतावनी दी कि रूस द्वारा रासायनिक हमले का ‘‘वैसा ही जवाब दिया जाएगा।’’ बाइडन ने कहा, ‘‘ आप पूछ रहे हैं कि नाटो कार्रवाई करेगा या नहीं। हम समय आने पर इसका फैसला करेंगे।’’

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि इसका मतलब है कि यूक्रेन में सीधी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अमेरिकी रुख में कोई बदलाव नहीं है।

इस बीच, यूक्रेल के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मदद के लिए शुक्रिया अदा किया, हालांकि उन्होंने पश्चिमी सहयोगियों को स्पष्ट भी कर दिया कि उन्हें जितनी मदद दी जा रही है, उससे कहीं अधिक सहायता की आवश्यकता है।

जेलेंस्की ने नाटो सदस्यों से कहा, ‘‘आपके विमानों के एक प्रतिशत और आपके टैंकरों के एक प्रतिशत की जरूरत है।’’

वहीं, बाइडन ने कहा कि और मदद की जाएगी। हालांकि, पश्चिमी देशों के नेता सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, ताकि संघर्ष यूक्रेन की सीमाओं से आगे ना बढ़ जाए।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, ‘‘नाटो ने रूस के साथ युद्ध किए बिना इस युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने का विकल्प चुना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अपनी कार्रवाई तेज करने का फैसला किया है और अगर तनाव बढ़ता है तो संगठित कार्रवाई की जाएगी।’’

पोलैंड और अन्य पूर्वी नाटो देश इस बात पर स्पष्टता चाहते हैं कि अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र रूसी आक्रामकता के साथ-साथ शरणार्थी संकट को लेकर बढ़ती चिंताओं से निपटने में कैसे सहायता कर सकते हैं। यूक्रेन में रूसी आक्रमण के बाद से 35 लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है, जिसमें से 20 लाख से अधिक लोगों ने पोलैंड में शरण ली है।

बाइडन, शुक्रवार को पोलैंड के जेज़ॉ शहर जाएंगे। बाइडन के पोलैंड के राष्‍ट्रपति आंद्रेजेज डूडा के साथ मिलने और ऊर्जा तथा शरणार्थी मुद्दे चर्चा करने की उम्मीद है।

बाइडन ने कहा कि बृहस्पतिवार की बैठकों में उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना था कि यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण के जवाब में पश्चिमी देश एक ही पृष्ठ पर रहे।
 

एपी
ब्रसेल्स


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment