सुषमा के निधन से अमेरिकी-भारतीय समुदाय में शोक की लहर
अमेरिका में भारतीय समुदाय ने पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताया और उन्हें ‘दूसरों की परवाह करने वाली’ और एक ‘असाधारण’ नेता बताया।
सुषमा के निधन से अमेरिकी-भारतीय समुदाय में शोक की लहर |
स्वराज का मंगलवार रात को दिल का दौरा पड़ने से एम्स में निधन हो गया था। वह 67 वर्ष की थीं।
भारत की सबसे ओजस्वी नेताओं में शामिल स्वराज के आकस्मिक निधन से ह्यूस्टन में रह रहे भारतीय समुदाय के बीच शोक की लहर दौड़ पड़ी। उन्होंने स्वराज को करिश्माई और ऊर्जावान नेता तथा एक दृढ़ महिला के तौर पर याद किया। स्वराज ने अपनी विदेश नीति में सहानुभूति और मानवीय रुख अपनाकर काफी ख्याति पायी थीं। ‘इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन’ के संस्थापक सचिव जगदीप अहलूवालिया ने कहा, उन्हें दुनियाभर में जरुरतमंद भारतीय लोगों के लिए विदेश मंत्रालय और दूतावासों के दरवाजे खोलने में उनके नेतृत्व के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने स्वराज को ‘करिश्माई’ और ‘दूसरों की परवाह करने वाली’ नेता के तौर पर याद करते हुए कहा, मैं पहली बार उनसे तब मिला था, जब वह स्वास्थ्य मंत्री थीं। वह दिल्ली में एक टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल हुई थीं और मैंने पाया कि उनसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है। अहलूवालिया ने साल 2017 में आयी बाढ़ में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में फंसे 200 भारतीय छात्रों को राहत प्रदान करने में स्वराज के प्रयासों को याद किया। उन्होंने बताया, जिस तरीके से उन्होंने भारत के महावाणिज्यदूत की मदद से उन्हें बचाने का अभियान चलाया, वह सराहनीय था।
विदेश मंत्री के तौर पर स्वराज भारतीय कूटनीति में दृढ़ता की भावना लेकर आयीं और उन्हें विदेशों में रह रहे भारतीय की शिकायतों का ट्विटर पर जवाब देने के लिए जाना गया। पद्मश्री से सम्मानित एवं ओकलाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सुभाष काक ने कहा, मैं सुषमा स्वराज के असामयिक निधन से बहुत दुखी हूं। अनुकम्पा और काबिलियत की धनी महिला ने पांच वर्ष तक विदेशमंत्री के तौर पर उल्लेखनीय काम किया।
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