भारत अपनी रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा

Last Updated 28 Mar 2019 04:56:41 AM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के संदर्भ में कहा कि भारत अपनी रक्षा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।


जाग्रेब में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंदा कितारोविक।

कोविंद क्रोएशिया की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं। वह तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ सोमवार को यहां पहुंचे। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ निरंतर समर्थन के लिए क्रोएशिया सरकार का मंगलवार को आभार व्यक्त किया।
कोविंद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, भारत के संबंध में, हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम अपनी रक्षा और सुरक्षा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे ताकि हम अपने लोगों की सलामती सुनिश्चित कर सकें। राष्ट्रपति ने कहा, शांति और सुरक्षा मानवता की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है। हम आतंकवाद के खिलाफ लगातार समर्थन के लिए क्रोएशिया की सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। दुनिया को आतंकियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने यहां रह रहे प्रवासी भारतीयों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

कोविंद ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था वैिक विकास का आज एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह मजबूत आर्थिक संकेतकों के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। इसलिए, मैं आपको भारत की यात्रा करने और परिवर्तनकारी बदलावों का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। उन्होंने रेखांकित किया कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, और ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ ने कारोबार की नई संभावनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, भारत और क्रोएशिया अपने संबंधों, विशेषकर आर्थिक संबंधों को गहरा करने के इच्छुक हैं। राष्ट्रपति ने कहा, दोनों पक्षों ने निवेश के साथ एक अच्छी नींव पहले ही रख दी है। व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करने की काफी संभावनाएं हैं। सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में आपका सहयोग बेशकीमती है। कोविंद ने कहा, क्रोएशिया के सदियों से भारत के साथ संबंध हैं और उसने भारतीय भाषाओं, दर्शन, इतिहास और संस्कृति को प्रोत्साहित करने में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने कहा, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने 1926 में यहां की यात्रा की थी और उन्होंने कई क्रोएशियाई कवियों और लेखकों को प्रभावित किया।
ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के इंडोलॉजी विभाग ने क्रोएशिया में भारतीय भाषाओं, दर्शन, इतिहास और संस्कृति के अध्ययन और प्रचार में उत्कृष्ट योगदान दिया है। मैं यह जानकर प्रभावित हुआ हूं कि यह नियमित रूप से वेदों और पुराणों पर सम्मेलनों का आयोजन करता है।

भाषा
जाग्रेब


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