मुगाबे को लेकर उठे सवाल, जिम्बाब्वे की सेना सड़कों पर, मगर तख्तापलट से इनकार
वर्ष 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति रोबर्ट मुगाबे की शासन पर पकड़ को लेकर उठे सवालों के बीच आज देश की राजधानी हरारे के निकट सेना के सशस्त्र वाहन देखे गए.
जिम्बाब्वे की सेना सड़कों पर (फाइल फोटो) |
जबकि जिम्बाब्वे की सेना के अधिकारियों ने आज कहा कि वे तख्तापलट नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के आस पास मौजूद अपराधियों को निशाना बना रहे हैं. एक जनरल ने सरकारी टेलीविजन चैनल पर सीधे प्रसारण के दौरान एक बयान पढ़ते हुए कहा, यह सरकार का सैन्य तख्तापलट नहीं है.
उन्होंने कहा, हम राष्ट्र को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि राष्ट्रपति.. और उनका परिवार सही सलामत हैं और उनकी सुरक्षा की गारंटी है.
जनरल ने कहा, हम केवल उनके आस पास उन अपराधियों को निशाना बना रहे हैं, जो अपराध कर रहे हैं.. हम उम्मीद करते हैं कि जैसे ही हमारा अभियान पूरा होगा, हालात पुन: सामान्य हो जाएंगे.
वर्ष 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति मुगाबे की शासन पर पकड़ को लेकर उठे सवालों के बीच आज देश की राजधानी हरारे के निकट सेना के बख्तरबंद वाहन देखे गए.
सेना और 93 वर्षीय नेता के बीच हालिया दिनों में तनाव बढ़ गया है.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने एएफपी को बताया कि आज तड़के बोरोडाले उपनगर में मुगाबे के निजी निवास के निकट लंबे समय तक गोलीबारी हुई.
यह गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब मुगाबे की जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने सेना प्रमुख जनरल कांन्सटैनटिनो चिवेंगा पर राजद्रोह संबंधी आचरण का मंगलवार को आरोप लगाया था.
इस विवाद ने मुगाबे के लिए ऐसे समय में बड़ी परीक्षा की घड़ी पैदा कर दी है, जब उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है.
चिवेंगा ने मांग की थी कि मुगाबे उपराष्ट्रपति एमरसन मनांगाग्वा की पिछले सप्ताह की गई बर्खास्तगी को वापस लें.
| Tweet |