Parliament Monsoon Session: संसद में मॉनसून सत्र का आखिरी दिन, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई लोकसभा

Last Updated 21 Aug 2025 12:20:31 PM IST

संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से हुई थी। इस एक महीने के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों पर काफी हंगामा किया।


लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी गतिरोध जारी रहा और वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल सकी। स्पीकर ओम बिरला ने पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक, और फिर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

लोकसभा में गुरूवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने कथित ‘‘वोट चोरी’’ और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के एक मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी जिसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। लेकिन लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। जिस पर लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को लताड़ लगाई और कहा कि सदन में विपक्ष का आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं रहा। ये संसद की गरिमा के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि किस तरह से अहम मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जा रहा है। 

गत 21 जुलाई को मानसून सत्र आरंभ हुआ था। इसके बाद से ही ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका की कथित मध्यस्थता, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और कुछ अन्य विषयों को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित रही है। हालांकि, सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने और कई कुछ विधेयक सदन में पेश करने में सफल रही।

इस सत्र के दौरान सदन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विशेष चर्चा भी हुई।

राज्यसभा में SIR के मुद्दे पर हंगामा, बैठक दोपहर 2 बजे तक स्थगित

संसद के चालू मॉनसून सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा की कार्यवाही भी नहीं चल सकी। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें सदन का नियत कामकाज स्थगित कर चार विषयों पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी नोटिस नियमों के अनुसार उपयुक्त नहीं पाया गया, अत: उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने नोटिस खारिज किए जाने पर कड़ा विरोध जताया और हंगामा करने लगे। कुछ सदस्य अपने-अपने स्थान से उठकर आगे भी आ गए।

उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया शून्यकाल चलने दें। अगर आप शून्यकाल नहीं चलने देना चाहते तो सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित की जाती है।’’

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही सदन में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और उनके हंगामे की वजह से, इस सत्र के दौरान राज्यसभा में एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
 


 

भाषा
नई दिल्ली


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