मणिपुर में जबरन वसूली में संलिप्त 7 उग्रवादी गिरफ्तार
मणिपुर में सुरक्षा बलों ने विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े सात उग्रवादियों को तीन जिलों में वसूली की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुरूवार को यह जानकारी दी।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को थौबल जिले के थौबल क्षेत्र लेइकाई से ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ की दो महिला उग्रवादियों सहित कुल तीन सक्रिय उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘वह थौबल जिले में स्कूलों, कॉलेजों, ईंट भट्टों और स्टोन क्रशर्स के मालिकों से जबरन वसूली में शामिल थे।’’
अधिकारी ने कहा कि थौबल ब्लॉक के उन स्कूलों की सूची उनके पास से बरामद की गई है जहां से पैसों की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि ईस्ट इंफाल जिले के सावोमबुंग से प्रतिबंधित प्रेपक संगठन के एक सक्रिय उग्रवादी को भी गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि इंफाल जिले के सबल लीकइ और मिनुथोंग से मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लुप के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग घाटी क्षेत्र के स्पा, दुकानों और आम जनता से जबरन वसूली में संलिप्त थे।
पुलिस ने बताया कि इंफाल वेस्ट जिले के ताओथोंग खुनोउ से मंगलवार को केसीपी (एमएफएल) के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कहा, ‘‘वह आम जनता से जबरन वसूली, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में पक्षों के बीच मध्यस्थता और धमकी के माध्यम से ऋण वसूली में शामिल था।’’
दो साल पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद से ही सुरक्षा बल मणिपुर में तलाश अभियान चला रहे हैं।
मई 2023 से अब तक कुकी-जो और मेइती समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों व्यक्ति बेघर हो गए हैं।
मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था जिसे भंग कर दिया गया है।
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