विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के उस बयान पर राजग के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें “बिहार बदलने के लिए सिर्फ 20 महीने चाहिए”।

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राजग नेताओं ने कहा कि बिहार अब विकास के रास्ते से भटकने वाला नहीं है और जनता किसी भी सूरत में ‘लालटेन युग’ में लौटने को तैयार नहीं है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव के बयान को “सिर्फ चुनावी जुमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “वे विकास की बात नहीं करेंगे, बल्कि वही पुरानी राजनीति करेंगे जिसमें गरीबों की जमीन हड़पी जाती थी और अपहरण व डकैती का माहौल होता था। महिलाओं, किसानों, युवाओं और गरीबों के उत्थान का काम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुआ है।”
उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में राजग अब तक की सर्वाधिक सीट जीतकर इतिहास रचेगा। उन्होंने कहा, “40 साल कांग्रेस और 15 साल लालू राज ने बिहार को पिछड़ा बनाकर रखा, लेकिन राजग की सरकार बिहार को विकास की मुख्यधारा में लेकर आई है। जनता अब काम के आधार पर वोट करती है, वादों और अफवाहों पर नहीं।”
बिहार सरकार के मंत्री और जद(यू) नेता अशोक चौधरी ने कहा कि राजद शासन के 15 वर्षों में राज्य की विकास दर 3.5-4 प्रतिशत से घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई थी, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इसे बढ़ाकर 10.4 प्रतिशत तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा, “गुजरात पहले से विकसित है, बिहार विकासशील प्रदेशों में है। हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं।”
जद (यू) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव कहते हैं कि उन्हें 20 महीने चाहिए, लेकिन वे बिहार में क्या बदलेंगे? क्या फिर से अपराध, अपहरण और बंदूक संस्कृति को कायम करेंगे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 50 लाख रोजगार देने का वादा पूरा किया है और अब एक करोड़ रोजगार का संकल्प भी कैबिनेट से पारित हो चुका है।’’
भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और उनका परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त रहा है। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता अब भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अपराध की राजनीति को पहचान चुकी है। उनका परिवार आधा समय जेल में और आधा समय ‘बेल’ (जमानत) पर बिताता है। जनता ऐसे चेहरों को दोबारा मौका नहीं देने वाली।”
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