गाजा में इजरायल का आक्रामक रुख
हाल में 10 जून को मध्य गाजा में अमेरिका समर्थित एक मानवीय समूह द्वारा संचालित सहायता वितरण स्थल पर हजारों विस्थापित लोगों के पंहुचने के दौरान इजरायली गोलाबारी से कम से कम 17 फिलिस्तीनी मारे गए तथा दर्जनों घायल हो गए।
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उल्लेखनीय है कि इजरायली सैन्य क्षेत्र के अंदर स्थित इजरायल और अमेरिका समर्थित ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ के सहायता वितरण केंद्र पर लगभग प्रत्येक दिन गोलीबारी की घटना घटित हो रही है।
इजरायल का स्पष्ट कहना है कि उसने हमास पर लगाम लगाने के लिए यह व्यवस्था की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इस नवीन व्यवस्था को यह कह कर नकार दिया है कि इसके कारण गाजा में व्याप्त भुखमरी के संकट का समाधान नहीं किया जा सकेगा और इजरायल इस सहायता वितरण केंद्र को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा। इजरायली सेना के प्रवक्ता एफी डिफ्रिन का कहना है, ‘हमास ने हताहतों की संख्या बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताई है।’ इजरायल सुरक्षा बल (आईडीएफ) और इजरायल सुरक्षा एजेंसी ने घोषणा की कि उन्होंने 36 वर्षीय एक थाई नागरिक नट्टपोंग पिंटा का शव बरामद किया है, जिसे 7 अक्टूबर के हमले के दौरान मुजाहिदीन ब्रिगेड ने अगवा कर लिया था। उस बीच हमास की सशस्त्र शाखा अल कस्साम ब्रिगेड ने दावा किया कि इजरायली सेना गाजा में एक विशेष स्थान की घेराबंदी कर रही है, जहां इजरायली बंधक को रखा गया है और जिसकी पहचान प्रवक्ता अब्बू ओबेदा ने मतन जंगाउकर के रूप में की है।
इधर अबू ओबेदा ने चेतावनी दी कि दुश्मन उसे जिंदा नहीं पकड़ सकेगा। इजरायल ने इस दावे पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। इजरायल का मानना है कि उसके सैन्य अभियान बड़ी सतर्कता से चलाए जा रहे हैं। इजरायली सेना ने 9 जून की सुबह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के किए जा रहे एक जलयान को जब्त कर लिया और उसमें सवार सामाजिक कार्यकर्ता स्वीडन निवासी ग्रेटा थनवर्ग तथा अन्य जलवायु कार्यकत्ताओं को हिरासत में ले लिया। वास्तव में ये कार्यकर्ता गाजा पट्टी में जारी इजरायल के सैन्य अभियान का विरोध करने वाले थे, क्योंकि मानवीय सहायता के प्रवेश पर इजरायल द्वारा प्रतिबंधों के कारण 20 लाख फिलिस्तानी आबादी वाले क्षेत्र में अकाल की स्थिति पैदा होने का संकट खड़ा हो गया है।
ग्रेटा थनबर्ग गाजा ले रही सहायता सामग्री वाले ‘मैडलीन’ नामक जहाज पर सवार 12 यात्रियों में से एक थीं। वास्तव में ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ नामक संगठन गाजा पट्टी क्षेत्र में मानवीय मूल्यों की सुरक्षा हेतु सहायता द्वारा पहुंचाने और इजरायल द्वारा की गई घेरेबंदी तथा युद्ध के दौरान उसके आचरण अथवा व्यवहार का विरोध करने और फिलिस्तानियों तक राहत सामग्री की आपूर्ति करने के लिए ही इस यात्रा का विशेष आयोजन किया गया था। इस संगठन के अनुसार इजरायली नौ सेना ने जलयान को गाजा से लगभग 200 किमी. की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में जब्त कर लिया। ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ सहित अन्य अनेक अधिकार समूहों ने इजरायल की इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून व नियमों का उल्लंघन करार दिया।
दूसरी ओर, इजरायल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि इस प्रकार के जलयान गाजा में उसकी नौ सैनिक नाकाबंदी का उल्लंघन करते हैं। इजरायल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस्रसल की नौ सेना के साथ गिरफ्त में लेकर अपने आदोह बंदरगाह लाया गया। इजरायल में ग्रेटा और अन्य कार्यकत्र्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनी अधिकार समूह अदाला के अनुसार ग्रेटा थनबर्ग, दो अन्य कार्यकर्ता और एक पत्रकार भी स्वयं ही इजरायल छोड़ने के लिए सहमत हो गए हैं। इजरायल के विदेा मंत्रालय ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की इस यात्रा को ‘जनसंपर्क का हथकंडा’ बताया। इजरायल नौ सेना के सैनिकों द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं को आवश्यक जलपान की व्यवस्था भी की गई। वास्तव में इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य विश्व नेताओं पर फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल के नरसंहार युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव डालना ही है। हमास के कब्जे के जवाब में इजरायल द्वारा गाजा में बाहरी लोगों एवं उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाली सामग्री के प्रवाह को पूरी सख्ती के साथ प्रतिबंधित कर दिया गया है। एक जानकारी के अनुसार गाजा के लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारी बेरोजगार हो गए या उन्हें वेतन नहीं मिला तथा लगभग 80 प्रतिशत निवासी अपना जीवनयापन दयनीय स्थिति में कर रहे हैं।
हमास के कब्जे के बाद से गाजा और इजरायल में फिलिस्तानी सशस्त्र समूहों में टकराव अनवरत जारी है। हमास गाजा में प्रतिद्वंद्वी इस्लामवादी गुटों के साथ भी संघर्ष में आया है, जो सलाफी-जिहादवाद का पालन करते हैं। ब्रिटेन के कब्जे वाले पश्चिमी तट में ‘फिलिस्तानी समुदाय’ के विरुद्ध बार-बार हिंसा भड़काने के आरोप में दो अति दक्षिणपंथी इजरायली मंत्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विदेश सचिव द्वारा घोषित उपायों के तहत इतामार बेन-ग्वीर और बेजालेल स्मोत्रिच को ब्रिटेन में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा तथा ब्रिटेन में उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी। यह संयुक्त कदम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, नाव्रे और कनाडा द्वारा उठाया गया है। इसके जवाब में इजरायल ने कहा ‘यह अपमानजनक है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकार के सदस्यों पर इस प्रकार के उपाय लागू किए जा रहे हैं।’
यह भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नेतान्याहू से गाजा युद्ध समाप्त करने को कहा है, तथा ईरान पर हमला करने को फिलहाल प्रतिबंधित कर दिया है। नि:संदेह गाजा में फिलिस्तीनी इजरायल-हमास युद्ध का दंश झेल रहे हैं। फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना द्वारा अनवरत गोलाबारी जारी रखने के कारण गाजा में गाज गिर चुकी है और मानवता त्राहि-त्राहि चिल्लाने लगी है। सर्वविदित है कि युद्ध से युद्ध का अंत नहीं होता और आधुनिक युग का युद्ध लड़ाई के मैदान तक सीमित नहीं रहता। प्रत्येक युद्ध विगत युद्ध से भयंकर होता है। युद्ध के घातक व विनाशक स्वरूप के कारण आज मानवीय मूल्यों की सुरक्षा हेतु एवं विश्व शांति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं। यह मानव की उत्तरजीविता केलिए अत्यंत गंभीर प्रश्न है।
(लेख में व्यक्त विचार निजी हैं)
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