त्वरित टिप्पणी : चुनौती को अवसर में बदलने की रणनीति
जिस प्रकार से कोरोना वायरस ने विश्व के 185 देशों में हाहाकार मचा रखा है, उससे इन सभी की अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह से लड़खड़ा गयी हैं।
![]() प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
इनसे उबरने का अभी कोई रास्ता दिख नहीं रहा है। ऐसे में भारत के दृढ़निश्चयी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पांचवें राष्ट्रीय सम्बोधन में कहा कि हम इस चुनौती से डरे नहीं। अपितु उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए एक बड़ा अवसर बताया है। इसी लिए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐतिहासिक ऐलान किया है। यह भारत की राष्ट्रीय आय का 10 प्रतिशत तथा सालाना बजट का लगभग दो तिहाई है। यह उत्तर प्रदेश के सालाना बजट का चार गुना होगा।
इसी को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस राहत पैकेज का पहला भाग बुधवार को पेश किया है। यह एक बहुत बड़ा कदम है। इस पैकेज से वित्त मंत्री ने सूक्ष्म,लघु व मध्यम उद्योंगों में व्यापक सुधार कार्यक्रमों की तो घोषणा की है, साथ ही व्यापक पैकेज की घोषणा से निराश वातावरण में स्फूर्ति व आत्मविश्वास की लौ जलाने का भी काम किया है। इन क्षेत्रों में सेवा व विनिर्माण इकाइयों में भेद खत्म कर दिया गया है। अब दोनों के लिए निवेश सीमा एक होगी। साथ ही दोनों के उत्पादन व बिक्री को भी परिभाषा में शामिल कर राहत दी गयी है। सभी स्तर की इकाइयों में निवेश सीमा में व्यापक वृद्धि की गयी है जिससे यह लाभान्वित हो सकेंगी।
सूक्ष्म, लघु व मझोली इकाइयों में पूंजी की कमी लगातार चुनौती को बढ़ा रही थी। ऐसे में तीन लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के ऋण की आसान व्यवस्था भारत को लोकल से वैश्विक बनाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकेगी। इसी के साथ बुरी तरह नकदी की तंगी से ग्रस्त इकाइयों के लिए बीस हजार करोड़ रुपये इनमें नवजीवन का संचार कर सकेंगे। अच्छा काम करने वाली इकाइयों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की भागीदारी का निवेश प्रोत्साहन का काम करेगा। कुल मिलाकर सूक्ष्म, लघु व मध्यम इकाइयों के माध्यम से उत्पादन को व्यापक आधार मिलेगा, निर्यात भी बढ़ सकेगा और महंगी तकनीक से फिलहाल बचा जा सकेगा। इससे भी ज्यादा यह रोजगार को तेजी से बढ़ायेगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करेगा।
इसी तरह वित्त मंत्री ने विद्युत क्षेत्र को सिर्फ 90 हजार करोड़ का पैकेज राज्य सरकार को गारंटी पर देना तय किया है ताकि ऊर्जा की आपूर्ति इस समय रुकने न पाये। सूक्ष्म वित्त के लिए भी व्यवस्था की है इसका लाभ लोगों को विशेष रूप से गरीब परिवारों और किसानों को होगा। इसी प्रकार कर संग्रह में छूट, ठेकेदारों की कार्यावधि व आयकर की तीव्र वापसी तथा रियल स्टेट की मियाद बढ़ाने से लोगों को राहत मिलेगी। इन सबका सम्मिलित प्रभाव प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मदद देगा क्योंकि उत्पादन का आधार व्यापक व समावेशी होगा। लोगों को ज्यादा रोजगार मिलेगा तथा इससे अर्थव्यवस्था को नवजीवन मिलेगा।
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