भारत का मीडिया, मनोरंजन उद्योग सबसे तेजी से वृद्धि करेगा, 2025 तक चार लाख करोड़ का होगा

Last Updated 12 Jul 2021 09:07:09 PM IST

देश का मीडिया और मनोरंजन (एमई) क्षेत्र उपभोक्ता और विज्ञापन खर्च दोनों के मामले में विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढने वाला उद्योग होगा और 2025 तक चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का उद्योग बन जाएगा। एक कंसल्टेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी।


भारत का मीडिया, मनोरंजन उद्योग सबसे तेजी से वृद्धि करेगा, 2025 तक चार लाख करोड़ का होगा

परामर्श फर्म पीडब्ल्यूसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस क्षेत्र के अगले चार वर्षों में 10.75 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वाषिर्क वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ 2025 तक 4,12,656 करोड़ रुपये का उद्योग बनने का अनुमान है।
कंसल्टेंसी के पार्टनर राजीव बसु ने कहा, ‘‘महामारी के बावजूद, भारतीय मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र ने उल्लेखनीय मजबूती दिखायी है।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि भारत उपभोक्ता और विज्ञापन राजस्व के मामले में विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढने वाला मनोरंजन और मीडिया बाजार होगा।
बसु ने कहा कि तकनीकी प्रगति और इंटरनेट की पहुंच का बढना, भारतीयों के मनोरंजन सामग्री उपभोग के तरीके को प्रभावित करता रहेगा और स्थानीय मनोरंजन सामग्री की ज्यादा मांग होगी तथा नए व्यापार मॉडल भी विकसित होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि महामारी के बावजूद 2020 में भारत में टीवी विज्ञापन बढकर 35,015 करोड़ रुपये का हो गया और 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ यह कुल बाजार में 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का योगदान देगा।

यह कहा गया है कि इंटरनेट पर विज्ञापन 2020-2025 के दौरान 18.8 प्रतिशत प्रति वर्ष की तेजी से बढकर चक्र के अंत तक 30,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मोबाइल इंटरनेट विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व 2020 में 7,331 करोड़ रुपये था और यह 2025 तक बढकर 22,350 करोड़ रुपये हो जाएगा, जो 25.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
हालांकि समाचार पत्र और उपभोक्ता पत्रिका उद्योग के 2025 तक 1.82 प्रतिशत की हल्की वृदि के साथ 26.299 करोड़ रुपये तक जाने का अनुमान है। इसमें कहा गया कि 2020 में महामारी के कारण प्रिंट्र विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व में 12 प्रतिशत की कमी देखी गयी और पत्र-पत्रिकाओं के प्राप्त राजस्व भी चार प्रतिशत कम हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार सिनेमा घरों से मिलने वाला राजस्व 39.3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वाषिर्क वृद्धि दर के साथ 2025 के अंत तक 13,857 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि महामारी की चपेट में आया सिनेमा उद्योग 2023 के मध्य तक महामारी से पहले के स्तर पर वापस आ जाएगा।
भारत का संगीत, रेडियो और पॉडकास्ट बाजार से मिलने वाला कुल राजस्व 2020 में घटकर 4,626 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि महामारी की वजह से देश के लाइव संगीत क्षेत्र को लगभग 522 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कंसल्टेंसी ने कहा कि संगीत, रेडियो और पॉडकास्ट उद्योग 19.1 प्रतिशत की वाषिर्क वृद्धि दर के साथ 2025 तक 11.026 करोड़ रुपये का हो जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार वीडियो गेम और ई-स्पोर्ट्स से मिलने वाला राजस्व 2020 में 11,250 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 16.5 प्रतिशत की वाषिर्क वृद्धि दर के साथ 2025 तक 24,213 करोड़ रुपये का हो जाएगा।

भाषा
मुंबई


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