SCO में पाकिस्तान फिर बेनकाब
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब करते हुए भारत पर ही आरोप मढ़ने की उसकी चाल को विफल कर डाला।
![]() पाकिस्तान फिर बेनकाब |
आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख पर कायम रहते हुए भारत ने पहलगाम आतंकी हमले को नजरअंदाज करने और सीमा पार से होने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति भारत कींिचताओं को अनदेखा करने पर बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथंिसह ने पहलगाम आतंकी हमले को वक्तव्य में शामिल करने की मांग की, जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने बलूचिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों पर टिप्पणी डलवाने पर जोर दिया, जो साफ-साफ भारत पर आरोप मढ़ने का प्रयास था।
पाकिस्तान की इस हरकत के कारण सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य के बिना ही समाप्त हो गया। वक्तव्य के मसौदे में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र ही नहीं था और न ही सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर भारत के रुख को दर्शाया गया था। ये सारी चालें सम्मेलन के अत्यंत महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर भारत के रुख को कमजोर करने के लिए चली जा रही थी, मामले को भांपते ही रक्षामंत्री ने पाक के धुर्रे उड़ा दिए।
राजनाथ ने आतंकवाद का प्रायोजक ठहराते हुए जवाबदेह ठहराने की अपील की। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड रखने वालों के खिलाफ एससीओ को भी भारत जैसी कड़ी नीति अपनानी चाहिए। अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का वक्त आ गया है।
आतंकवाद को प्रायोजित, पोषित और अपने संकीर्ण और निहित उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करने वालों को परिणाम भुगतने ही होंगे। ऑपरेशन सिंदूर इसकी शुरुआत थी जिसके तहत भारत ने आतंकवाद से बचाव तथा सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का प्रयोग किया।
आपरेशन से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति उसकी कार्रवाइयों के माध्यम से प्रदर्शित हुई है। भारत के इन प्रयासों को एससीओ के सदस्य देशों से निसंकोच भरपूर सहयोग और समर्थन मिलना ही चाहिए। दुनिया के इस भूभाग में इसी से शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा तथा संगठन का उद्देश्य सार्थक हो सकेगा।
Tweet![]() |