इस्राइल-ईरान : खतरे की घंटी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्राइल-ईरान के दरम्यान अस्थाई युद्धविराम के राजी होने के ऐलान के कुछ देर बाद ही हमले पुन: चालू हो गए।
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ईरानी सेना का आरोप है कि ऐलान के कुछ देर बाद ही इस्रइल की तरफ से हवाई हमलों की बौझार शुरू हो गई जिसमें चार की जान गई जबकि इस्रइल का कहना है कि ईरान की तरफ से दो मिसाइलें दागी गई जिन्हें उसने निष्क्रिय कर दिया।
हालांकि ट्रंप ने कहा था कि इस्रइल अपने लड़ाकू विमान वापस बुलाएगा और वह ईरान में शासन परिवर्तन की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।
परंतु हमलों के जारी रहने के बाद देर शाम अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन की खुफिया रिपोर्ट से पता चला कि परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से ईरान का कार्यक्रम नष्ट नहीं हुआ है जबकि व्हाइट हाउस ने खंडन करते हुए इसे पूरी तरह गलत कहते हुए इसे ट्रंप को नीचा दिखाने का प्रयास बताया।
रिपोर्ट के अनुसार कुछ ढांचे नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए हैं। मगर ज्यादातर सेंट्रीफ्यूज सुरक्षित हैं। शीर्ष अधिकारी पहले ही दावा कर रहे थे कि ईरान ने संवर्धित यूरेनियम का कुछ हिस्सा अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था। ट्रंप इसे फेक न्यूज बता रहे हैं।
अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने एक न्यूज चैनल से कहा, यह देशद्रोह है, इसकी जांच होनी चाहिए। हमलों के बावजूद इस्रइल और ईरान के मीडिया अपने-अपने देशों की विजय का दावा कर रहे हैं। ईरान पहले ही अमेरिका को चेता चुका था।
तनाव की स्थिति में कहना जल्दबाजी होगी कि खतरा टल गया है। इराक, बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब, जॉर्डन, सीरिया, कतर जैसे देशों में अपने सैन्य अड्डे ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज में आने के कारण अमेरिका के लिए चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। वास्तव में यदि दोनों पक्ष युद्धविराम का उल्लंघन करने पर तुले हैं तो यह योजनाबद्ध प्रतिशोध वैश्विक चेतावनी का सूचक है।
ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर लिखने, कि इस्रइल बम मत गिराओ इसे उल्लघंन माना जाएगा, को इतिहास में अमेरिका की तरफ से सबसे कड़ी फटकार मानी जा रही है। परंतु इस सारे मसले में अमेरिका को स्वार्थ त्याग कर स्पष्ट रूप से विश्व शांति के प्रयास करने चाहिए।
अगर वह महाशक्ति है तो चीन/रूस भी अपने कदम पीछे लौटाने की बजाए संघर्ष को प्राथमिकता देंगे। ट्रंप के आलोचक उनके इस कदम को न सिर्फ जोखिम भरा कह रहे हैं, बल्कि युद्ध शक्ति अधिनियम का उल्लंघन भी ठहरा रहे हैं। बेशक, खतरा टला नहीं है।
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