दक्षिण अफ्रीका की सफलता
दक्षिण अफ्रीका आखिरकार, अपनी आईसीसी ट्रॉफियों से 27 सालों से चली आ रही दूरी को खत्म करने में सफल हो गया। यह दूरी उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीत कर खत्म की है। इस सफलता के साथ ही उनके ऊपर लगा चोकर्स का टेग भी हट गया है।
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दक्षिण अफ्रीका ने 1998 में एकमात्र आईसीसी ट्रॉफी के रूप में नॉकआउट ट्रॉफी जीती थी और बाद में इसी ट्रॉफी को चैंपियंस ट्रॉफी का नाम दे दिया गया था। इसके बाद तमाम मौकों पर वह चैंपियन बनने की तरफ बढ़ता दिखा पर महत्त्वपूर्ण मौकों पर लड़खड़ाहट की वजह से उसके साथ चोकर्स का टेग चस्पां हो गया था जो इस सफलता के बाद हट गया है।
क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लंदन के लार्डस मैदान पर खेले गए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने उतार-चढ़ाव वाले फाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी। दक्षिण अफ्रीका की जीत के हीरो एडन मार्करम और कप्तान टेम्बा बवूमा रहे। मार्करम ने किसी भी गेंदबाज को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अपनी शतकीय पारी से जीत की इबारत लिख दी। कप्तान बवूमा ने अच्छी कप्तानी तो की ही साथ ही हैमस्ट्रिंग का शिकार बनने के बाद भी विकेट पर डटे रहकर मार्करम का भरपूर साथ दिया।
दोनों के बीच 147 रन की साझेदारी जीत का आधार बनी। यह सफलता दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट को आगे ले जाने में बहुत मददगार साबित होगी। दक्षिण अफ्रीका ने जब 2023-24 में न्यूजीलैंड का टेस्ट दौरा किया था, तो दौरे में सभी सीनियर खिलाड़ियों को टीम में शामिल नहीं कर पाया था।
लेकिन इस सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीका ने कम अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा जताना शुरू किया और इसके बाद टीम ने लगातार आठ टेस्ट जीत कर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहली बार खेलने की राह बनाई और वह पहले ही प्रयास में विजेता बन गया। तीन बार इस चैंपियनशिप का अब तक आयोजन हुआ है, और हर बार नई टीम चैंपियन बनी है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बन चुकी हैं। भारतीय टीम दो बार फाइनल तक चुनौती पेश करके भी विजेता नहीं बन सकी है।
भारतीय टीम इसी माह इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज की शुरुआत करके 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत करने जा रही है। इसमें प्रदर्शन से ही इस बार भारत की चुनौती में कितना दम है, पता चल सकेगा।
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