Air India plane crashes: अहमदाबाद एयर इंडिया के यात्री विमान दुर्घटना की निष्पक्ष हो तफ्तीश
मेडे, ये वो आपात संदेश था जो बृहस्पतिवार को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के पायलट ने उड़न भरने के तुरंत बाद हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) को भेजा था, लेकिन एटीसी जब तक कोई प्रतिक्रिया करता तब तक दूसरी ओर सुनने वाला कोई बचा नहीं था।
![]() निष्पक्ष हो तफ्तीश |
विमान टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों के भीतर हवाई अड्डे के बाहर सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार देशी विदेशी यात्रियों और क्रू सहित 242 लोगों में से सिर्फ एक खुशकिस्मत यात्री के सिवा कोई नहीं बचा।
मेडिकल कॉलेज होस्टल, कैफेटेरिया को भी भारी क्षति पहुंची और 10 से अधिक लोगों की भी मौत हुई है जिनमें कुछ प्रशिक्षु चिकित्सक थे। लंदन जा रहे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हो गई। स्वाभाविक तौर पर यह कभी न भूलने वाला गम है।
हादसे के वास्तविक कारणों का पता तो जांच के बाद ही लग सकेगा, लेकिन कुछ तथ्यों पर तुरंत गौर करना जरूरी है। वह क्या कारण थे कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (एआई171) उड़ान भरने के बाद 625 फुट से ऊपर नहीं उठ पाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान के लैडिग गेयर भी तब तक सिमटे नहीं थे कि पायलट को आपात पुकार लगानी पड़ी, लैंडिग गेयर समेटने की प्रक्रिया स्वचालित होती है। क्या विमान टेक ऑफ के लिए जरूरी गति नहीं पकड़ पाया था।
विमान को तेजी से नीचे आते देखा गया और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ऐसा भी नहीं है कि पायलट कम अनुभवी रहे हों। उड़ान की कमान कैप्टन सुमित सभरवाल के हाथों थी। सभरवाल के पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। हादसे की परिस्थितियां विमान के रखरखाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
क्या उड़ान से पहले जरूरी जांचों में लापरवाही बरती गई थी? बोइंग कंपनी के विमानों को लेकर बीते वर्षो में इसमें कई तकनीकी और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं भी सामने आई हैं। कई बार ड्रीमलाइनर्स मॉडल के सभी विमानों को उड़ान भरने से रोका जा चुका है। कंपनी अभी तक तो सभी आरोपों से इनकार करके बचती रही है।
अब वक्त आ गया है कि अहमदाबाद हादसे में मारे गए पायलट की आपात पुकार को हर वक्त सुना जाए और विमानों के मेंटिनेंस में लापरवाही को आपराधिक कृत्य माना जाए ताकि अब कोई और हादसा न हो और देश की छवि पर कोई धब्बा न लगे।
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