बांग्लादेश की अकड़ बरकरार
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का कहना है कि उनकी अंतरिम सरकार भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती थी मगर हमेशा कुछ न कुछ गलत हो जाता है।
![]() बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस |
ब्रिटेन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक के साथ बातचीत के दौरान यूनुस ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों और देश के लोकतांत्रिक रोडमैप सहित विभिन्न मुद्दों पर बात की।
उन्होंने कहा, भारत हमारा पड़ोसी है, हम नहीं चाहते कि उनके साथ कोई बुनियादी समस्या हो। मगर भारतीय प्रेस में आने वाली खबरों को फर्जी ठहराते हुए कहा कि हर बार चीजें गलत हो जाती हैं और लोग कहते हैं कि इसका संबंध शीर्ष स्तर के नीति निर्माताओं से है।
यही बात बांग्लादेश को बहुत बेचैन और क्रोधित करती है। उनका कहना है, इस क्रोध को काबू करने की काोशिश करते हैं मगर साइबर स्पेस में बहुत सारी चीजें होती रहती हैं।
शेख हसीना के निष्कासन के बाद भारत-बांग्लादेश के संबंधों में तनाव आ गया। यूनुस की मांग पर कि हसीना लोगों से वैसी बातें न करें, जैसी वह ऑनलाइन अकसर करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर हसीना की गतिविधियों को नियंत्रित न कर सकने की बात की, जिसे उन्होंने विस्फोटक स्थिति बताया। इसी दरम्यान भारत सरकार ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के बांग्लादेश स्थित पैतृक निवास पर की गई तोड़-फोड़ की कड़ी निंदा की।
यूसुफ ने बीते साल बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख का पदभार संभाला था। जनता के दबाव के बाद उन्होंने 2026 में राष्ट्रीय चुनाव की घोषणा की। बेशक वे अपने मुल्क में मचे राजनीतिक घमासान और कानून-व्यवस्था से अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के लिए कोई बाहरी जिम्मेदार नहीं हो सकता। भारत अपने पड़ोसियों से सकारात्मक व रचनात्मक संबंध रखने पर बारीक नजर रखता है।
रही बात हसीना को राजनीतिक शरण देने की तो मामला अब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के समक्ष है। मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों मुल्कों को आपसी असहमतियों को दूर करने के प्रयास करने चाहिए। हालांकि जब तक वहां चुनी हुई सरकार नहीं आती, तब तक कोई भी निर्णय अंतिम नहीं माना जा सकता।
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