यूरोप के दौरे पर गए वित्त मंत्री एस जयशंकर का पाकिस्तान को कड़ा जवाब
यूरोप के दौरे पर गए वित्त मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को चेताया है कि भारत को आतंकवादी हमलों के जरिए उकसाया गया तो हम पाकिस्तान के भीतर जाकर हमला करने में हिचकि चाएंगे नहीं।
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यूरोपीय संघ के उच्चस्तरीय व्यापार संवादों में भाग लेते हुए उन्होंने ब्रसेल्स में एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें संदेश है कि अप्रैल जैसी बर्बर हरकत को जारी रखा गया तो जवाबी कार्रवाई का सामना करना होगा जो आतंकवादी संगठनों व आतंकवादी नेतृत्व के खिलाफ होगी। जयशंकर ने कहा, हमें परवाह नहीं कि वे कहां हैं। अगर वे पाकिस्तान के भीतर हैं तो हम पाकिस्तान में अंदर तक जाएंगे। उन्होंने पड़ोसी दुश्मन मुल्क में आतंकियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण और उनके भारत में घुसपैठ करने पर कड़ी कार्रवाई की बात भी दोहराई।
उन्होंने भारतीय एयर स्ट्राइक से हुई पाकिस्तान को क्षति के आरोपों का भी अपने अंदाज में करारा जवाब दिया। कहा कि सबूत तो वही एयर फील्ड हैं, जो अब काम नहीं कर रहे। पाकिस्तान की हवाई पट्टियों को नुकसान को गूगल सैटेलाइट से देखने की सलाह भी दे डाली। बेशक, भारत के ऑपरेशन सिंदूर को सारी दुनिया ने देखा जब 6-7 मई की दरमियानी रात भारतीय सशस्र बलों ने दुश्मन देश के भीतर घुस कर पच्चीस मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इनमें से पांच तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ही थे।
जयशंकर ने भारत का रुख स्पष्ट करते हुए विदेशी मीडिया को साफ संकेत दिया कि पाकिस्तानी वायु सेना को भारतीय लड़ाकू विमानों व मिसाइलों ने जबरदस्त क्षति पहुंचाई। अल्पभाषी जयशंकर स्पष्ट और सटीक बात करने के मामले में अपने समकालीन राजनेताओं से बिल्कुल भिन्न हैं। जैसा कि उन्होंने विदेशी मीडिया के समक्ष न सिर्फ भारत का रुख स्पष्ट किया बल्कि उन संदेहों को भी साफ किया जो पाकिस्तान जानबूझकर फैला रहा है।
दोनों मुल्कों के दरम्यान हुए युद्ध विराम व तमाम आरोपों-प्रत्यारोपों के बावजूद दुनिया की महाशक्तियों के समक्ष भारत सरकार ने नये प्रतिमान गढ़ने का अपना इरादा डंके की चोट पर प्रदर्शित ही नहीं किया बल्कि देश की सुरक्षा और अपने नागरिकों की हत्या के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई को न्यायोचित ठहराने में कोई कोताही भी नहीं कर रहा है। आतंकवाद समूची दुनिया के लिए जबरदस्त चुनौती है जिसके प्रति कोई भी सहिष्णुता दर्शाने को राजी नहीं है। पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वाले भी इस मुद्दे पर बगले झांकते नजर आते हैं।
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