पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने एकत्र किए गए नमूनों के परिणामों का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि ‘पनीर’ और ‘देसी घी’ में सबसे अधिक मिलावट पाई गयी है।

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मंत्री ने लोगों को सलाह दी कि वे इन वस्तुओं को ज्ञात स्रोतों से खरीदें या घर पर ही बनाएं।
एकत्र किए गए नमूनों के परिणामों का विवरण साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि ‘पनीर’ के 531 नमूनों में से 196 नमूने घटिया गुणवत्ता वाले पाए गए और 59 नमूने खाने के लिहाज से असुरक्षित थे।
सिंह ने कहा, ‘‘पनीर और ‘देसी घी’ में सबसे ज्यादा मिलावट है।’’
उन्होंने कहा कि असुरक्षित पनीर के नमूनों के परिणाम बताते हैं कि इन्हें बनाने में ‘स्टार्च’ या कुछ रसायनों का इस्तेमाल किया गया था।
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से घटिया पनीर मिलने पर कार्रवाई करते हैं और उसे नष्ट कर देते हैं।
‘देसी घी’ के संबंध में मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने 222 नमूने लिए जिनमें से 20 घटिया गुणवत्ता के थे और 28 खाने के लिहाज से असुरक्षित थे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मिलावटी सामान बनाने में संलिप्त हैं और यह अपराध है।
सिंह ने लोगों को सलाह दी कि वे ‘पनीर’ और ‘देसी घी’ वेरका (सहकारी दुग्ध महासंघ मिल्कफेड का ब्रांड) जैसे ज्ञात स्रोतों से खरीदें या दूध से बनने वाले इन उत्पादों को अपने घर पर ही बनाएं।
मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में असुरक्षित उत्पाद, विशेष रूप से ‘पनीर’ और ‘देसी घी’ बनाने के लिए लगभग 145 लोगों को दोषी ठहराया गया और छह महीने कैद की सजा सुनाई गई।
उन्होंने कहा कि ‘हल्दी’ और ‘देगी मिर्च’ जैसे ‘मसालों’ में भी मिलावट पाई गई है।
उन्होंने कहा कि उनका विभाग इस संबंध में नियमित रूप से जन जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
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