एनडीए के सामने ‘इंडिया’
लोकसभा चुनाव-2024 (Loksabha Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने मंगलवार को अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) रखने का फैसला किया।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की अध्यक्षता में बेंगलुरू (Bangalore) में हुई विपक्षी दलों के गठबंधन की दो दिवसीय बैठक में तय किया गया कि ‘INDIA’ का एक संयोजक और ग्यारह सदस्यीय समन्वय समिति होगी।
खड़गे ने बैठक के उपरांत बताया कि मुंबई में होने वाली ‘इंडिया’ के घटक दलों की अगली बैठक में संयोजक और समन्वय समिति का चयन किया जाएगा। ‘इंडिया’ के जवाब में मंगलवार को ही नई दिल्ली में एनडीए के 38 घटक दलों ने भी अपनी बैठक में आगामी लोक सभा चुनाव जीतने पर चर्चा की और एनडीए के 25 साल पूरे होने का उत्सव मनाया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के जवाब में कहा कि भारत में गठबंधन की लंबी परंपरा रही है, लेकिन नकारात्मकता के साथ बने गठबंधन कभी सफल नहीं हुए। उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक को कट्टर भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन बताया।
एनडीए ने भी अपने नाम के अक्षरों की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘एन’ का मतलब न्यू इंडिया, ‘डी’ का मतलब विकसित राष्ट्र तथा ‘ए’ का मतलब लोगों और क्षेत्रों की आकांक्षाएं हैं। एनडीए की बैठक, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली बैठक थी, में कहा गया कि जनता ने एनडीए को लगातार तीसरी बार जनादेश देने का मन बना लिया है।
बहरहाल, पक्ष और विपक्ष के चुनावी शंखनाद से इतना तो पक्का है कि लोक सभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहने वाला है। जिस प्रकार से एनडीए छोटे-बड़े सभी घटक दलों को साथ लाने के साथ ही छिटक चुके घटक दलों को भी साथ लाने की कवायद में जुटा है, उससे भाजपा की तैयारियों का अंदाजा लगता है।
जिस तरह जोरदार प्रचार के बावजूद भाजपा को कर्नाटक चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, उससे वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। फिर, इस बार विपक्षी दलों का गठबंधन भी ताकतवर अवतार की शक्ल में उभरता दिखाई दे रहा है।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत से विपक्ष बेहद उत्साहित है। विपक्ष ‘कॉमन वॉर’ रूम और हर राज्य में अलग से संयोजक बनाकर 450 सीटों पर साझा प्रत्याशी उतारता है, तो बेशक, भाजपा के सामने कड़ी चुनौती होगी।
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