रेल की बदलेगी सूरत
रेलवे को वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा पूंजी परिव्यय आवंटित करके वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के अभूतपूर्व विकास का द्वार खोला है।
रेल की बदलेगी सूरत |
यह राशि रेलवे को 2013-14 में आवंटित राशि से नौगुना अधिक है। तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में लगता है कि आम लोगों को मिलने वाली किराए में छूट जैसी लुभावनी घोषणाओं का जमाना जा चुका है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तरह अब सुविधाओं और रेलवे के विकास पर नजर रखनी होगी।
बजट में 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय से 75 नई वंदे भारत ट्रेनों, रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण और अन्य प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। नई वंदे भारत ट्रेनें अगस्त, 2023 तक शुरू होने की संभावना है। यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों को देखते हुए रेलवे राजधानी, शताब्दी, दूरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोच का नवीनीकरण करेगा। इन कोच के आंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इनमें सुधार किया जाएगा। पर्यटकों को आकषिर्त करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडम कोच बनाने की योजना बना रहा है।
बजट में सरकार ने हाइड्रोजन ईधन आधारित 35 ट्रेन, साइड एंट्री के साथ 4,500 नये डिजाइन वाले ऑटोमोबाइल वाहक कोच, पांच हजार एलएचबी कोच और 58,000 वैगन के निर्माण का प्रस्ताव दिया है।
कोयला, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए अंतिम और प्रथम-मील कनेक्टिविटी के लिए 100 महत्त्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिसे 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। इसमें 15 हजार करोड़ निजी क्षेत्र का होगा। मंगलवार को जारी आर्थिक सव्रेक्षण 2022-23 में भारतीय रेलवे ने बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में प्रभावशाली वृद्धि दिखाई थी।
2014 के बाद से रेलवे के बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 23 में 2.5 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ पिछले चार वर्षो में इसमें लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो पिछले चार वर्षो की तुलना में लगभग 29 प्रतिशत अधिक है। समय के साथ रेल सेवाएं अधिक से अधिक अत्याधुनिक होती जा रही हैं। बुलेट ट्रेन के बाद इस साल रैपिड रेल का जलवा देखने को मिलेगा।
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