सच सामने आना जरूरी
संसद के बजट सत्र से पहले सोमवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप का मुद्दा उठाया।
![]() सच सामने आना जरूरी |
अमेरिका की फॉरेंसिक फाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए जाने के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों, जिनकी संख्या 10 है) के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में भारी गिरावट आई है।
हालांकि अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में बीते रविवार को 413 पृष्ठों का ‘स्पष्टीकरण’ जारी किया ताकि अपने निवेशकों को आश्वस्त कर सके लेकिन इसके बावजूद सोमवार को समूह की कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट से अडाणी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण भी घटकर 13.63 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो बीते मंगलवार को 19.20 लाख करोड़ रुपये था। इसके साथ ही अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में फिसलकर 8वें स्थान पर जा पहुंचे हैं। हिंडनबर्ग के आरोपों के जवाब में अडाणी समूह ने कहा है कि यह भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोचा-समझा हमला है।
जबकि हिंडनबर्ग ने कहा है कि अडाणी समूह व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहा है, और राष्ट्रवाद की आड़ में सवालों से बचने की कोशिश कर रहा है। सच क्या है, सामने आना ही चाहिए। शेयर बाजार धारणा पर संचालित होता है, और किसी कारोबारी समूह के खिलाफ किसी प्रकार से धारणा डगमगाने से ऐसे अविश्वास की स्थितियां पैदा हो जाती हैं, जिसका सामना अडाणी समूह को करना पड़ रहा है। चिंता यह भी है कि समूह में देश के सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक जीवन बीमा निगम के भी बॉन्ड और इक्विटी के रूप में 36,474.78करोड़ रुपये का निवेश है। बैंकों से भी इस समूह ने खासा ऋण ले रखा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत छह साल पहले दुनिया की बड़ी कंपनियों में गड़बड़ियों का पता लगाने की गरज से की गई थी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, अडाणी समूह दशकों से ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में लिप्त है। समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम बीते शुक्रवार को खुलना था कि ऐन पहले आई इस रिपोर्ट ने समूह पर तुषारापात कर दिया है, जरूरी हो गया है कि जांच कराकर सच सामने लाया जाए।
Tweet![]() |