उप्र के 11 विरासत भवनों और किलों को पर्यटन स्थलों में बदलने की तैयारी

Last Updated 13 Jul 2025 05:31:28 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों को नया जीवन देने के लिए 11 पुराने किलों और भवनों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की पहल शुरू की है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।


बयान के अनुसार, पर्यटन विभाग ने एजेंसियों के माध्यम से इसके लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) आमंत्रित किया है। यह कार्य सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत होगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू होने जा रही इस पहल से न सिर्फ विरासत किलों और भवनों का इतिहास बचेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन बढ़ेगा और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

बयान के मुताबिक, इन 11 विरासत स्थलों में ललितपुर का तालभेहट किला, बांदा का रनगढ़ और भूरागढ़ किला, गोण्डा की वज़ीरगंज बारादरी, लखनऊ का आलमबाग भवन, गुलिस्तान-ए-इरम और दर्शन विलास, कानपुर की टिकैत राय बारादरी, महोबा का मस्तानी महल और सेनापति महल, झांसी का तहरौली किला और मथुरा का सीताराम महल (कोटवान किला) शामिल हैं। 

बयान में कहा गया है कि ये सभी स्थान अपनी खास वास्तुकला और इतिहास की कहानियों के लिए मशहूर हैं। इनका पुनरोद्धार करके इन्हें होटल, सांस्कृतिक केंद्र या संग्रहालय में बदला जाएगा, ताकि पर्यटक यहां ठहर सकें और इतिहास को करीब से महसूस कर सकें। 

इसके अनुसार, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में यह योजना खास तौर पर फायदेमंद होगी, जहां पर्यटन बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

भाषा
लखनऊ


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