होगी सुरक्षित वापसी
युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव में रूसी बमबारी में एक भारतीय छात्र की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
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यह छात्र कर्नाटक के हावेरी जिले के चलमेरी का मूल निवासी और यूक्रेन में एमबीबीएस फोर्थ इयर की पढ़ाई कर रहा नवीन शेखरप्पा ज्ञानमौदर था जो यूक्रेन में अपने जूनियर साथियों की देखभाल कर रहा था। नवीन खाद्य सामग्री की तलाश में बंकर से निकला था और बमबारी की चपेट में आ गया। इस हादसे के बाद भारत सरकार ने वहां फंसे छात्रों की निकासी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सरकार का कहना है कि अगले दो से तीन दिन में 26 विमानों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को वापस लाने के काम में लगाया जा रहा है। इस बीच सरकार ने एक सुखद दावा किया है कि कीव में अब कोई भारतीय नहीं है। समझा जाता है कि वहां सबको बंकरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। नई दिल्ली में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद विदेश सचिव हषर्वर्धन श्रृंगला ने जानकारी दी कि ऑपरेशन गंगा के तहत 8 मार्च तक 46 उड़ानें उपलब्ध होंगी।
भारतीय वायुसेना का विमान ग्लोबमास्टर भी बुखारेस्ट भेजा जा रहा है। यह एक विशाल परिवहन विमान है जिससे एक बार में ही बड़ी संख्या में छात्र भारत लाए जा सकेंगे। सात दिन से एक मामूली समझी जा रही लड़ाई में बुरी तरह फंसने के बाद रूसी सेना अब यूक्रेन की राजधानी कीव सहित सभी शहरों पर ताबड़तोड़ हमले कर कर रही है। इसे देखते हुए कीव का भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया है। भारत सरकार ने जब पहली एडवाइजरी जारी की थी, तब लगभग 20 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार अब तक लगभग 12 हजार लोग यूक्रेन से निकाले जा चुके हैं।
अब जो लोग वहां बचे हैं उनमें से करीब आधे उन इलाकों में हैं जहां लड़ाई हो रही है, बाकी या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर पहुंच चुके हैं या फिर आमतौर पर लड़ाई वाले इलाकों से बाहर हैं। बीते गुरु वार को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तभी से वहां फंसे छात्रों और उनके परिजनों में वापसी को लेकर बेचैनी थी। अब उम्मीद बंधी है कि सभी सुरक्षित भारत पहुंच जाएंगे। लेकिन अब ये छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर वरिष्ठ नेताओं से लेकर आम राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जो टिप्पणियां की हैं उससे इन छात्रों का मनोबल टूटने की आशंका बन गई है।
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