आतंकियों का सफाया
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को रविवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी।
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दोहरी मुठभेड़ में टॉप जैश-ए-मोहम्मद सरगना जाहिद वानी समेत पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया। एक मुठभेड़ पुलवामा में हुई, जबकि दूसरी बडगाम में हुई। दोनों मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के जहां चार आतंकवादियों का सफाया हुआ वहीं लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी मारा गया। हाल के महीने में सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन सफाया’ के अंतर्गत 20 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया है। खासकर दक्षिण कश्मीर घाटी जहां आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर ज्यादा शह मिलती है; वहां सुरक्षाबलों ने सख्ती के साथ आतंकवादियों के फन को कुचला है। जैश का जाहिद यहां आतंकवादी वारदात में तो शामिल रहता ही था, मगर उसकी एक अलग पहचा भी थी।
वह यहां के युवाओं को बरगलाकर आतंकी बनाने में शामिल था। निश्चित तौर पर उसके जाने से इलाके में जैश का खतरा कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी। स्थानीय स्तर पर आतंकवादियों को हर तरह की मदद मिलना, सरकार और सुरक्षाबलों के लिए हमेशा से ज्यादा सिरदर्दी वाला रहा है। अगर दक्षिण कश्मीर में पाकिस्तान के दांव को नेस्तनाबूद करना है तो उन इलाकों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, जो आतंकवादियों की साजिश के शिकार हो जाते हैं। उन कारणों को तलाशना होगा, जिसकी वजह से स्थानीय युवा कलम की जगह हाथों में हथियार लहराते हैं।
हालांकि यह काम आसान नहीं है, मगर संजीदगी से काम किया जाए तो यह हमारे लिए बड़ी जीत होगी। स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को सक्रिय करना, बेरोजगारों को रोजगार देना, सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने आदि ऐसे मसले हैं; जिन पर तवज्जो देने से हमारा काम काफी आसान हो जाएगा। खूनखराबा कहीं से भी जायज नहीं है। विशेष रूप से सुरक्षाबलों की तरफ से। इसलिए सरकार को बड़ी समझदारी के साथ अपनी नीतियों को आगे बढ़ाना होगा। जहां तक वर्ष 2021 की बात है, 100 सफल अभियानों में 44 शीर्ष आतंकवादियों समेत कुल 182 आतंकवादियों का सफाया सुरक्षाबलों ने किया। आंकड़ों से स्पष्ट है कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के विरुद्ध किसी तरह की ढील नहीं की है। उम्मीद है कश्मीर में अमन बहाली का माहौल तैयार होगा और खुशहाली आएगी।
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