स्कूलों में घटते दाखिले

Last Updated 20 Dec 2021 12:36:15 AM IST

हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में यह चिंताजनक बात सामने आई है कि पिछले एक दशक में स्कूलों में दाखिलों के मामलों में करीब 33 लाख की गिरावट आई है।


स्कूलों में घटते दाखिले

इस स्थिति में तुरंत सुधार लाने की जरूरत है। 2012-13 में शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) शुरू की गई थी। तब स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 25.48 करोड़ थी। वर्ष 2019-20 के दौरान यह संख्या 25 करोड़ रह गई। यह बेहद विचारणीय तथ्य है। अध्ययन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए) के पूर्व प्रोफेसर अरु ण मेहता ने किया है। कुछ समय पहले एक सरकारी रिपोर्ट में भी स्वीकार किया गया था कि प्राथमिक कक्षाओं के बाद बच्चों के दाखिले में धीरे-धीरे कमी होती जाती है।

छठी से आठवीं कक्षा में दाखिला अनुपात जहां 91 फीसद होता है, वहीं नौवीं व दसवीं में यह महज 79.3 फीसद और 11वीं और 12वीं कक्षा के मामले में यह 56.5 फीसद ही रह जाता है। अब नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने छूटते जा रहे बच्चों को दोबारा स्कूल पहुंचाने की बात कही है। कोरोना महामारी के दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकन कुछ बढ़ा है, लेकिन कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार और बेरोजगारी प्रमुख वजह हैं स्कूल छूटने की। निजी स्कूलों की बढ़ती फीस आम आदमी की क्षमता से बाहर हो गई है। सरकारी स्कूलों में आधारभूत ढांचे और संबंधित विषयों के शिक्षकों की कमी से छात्रों में भी पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी खत्म हो रही है।

मिड डे मील और दूसरी सरकारी योजनाओं के कारण बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन अब कई स्कूलों में ऐसी योजनाएं भी बंद हो गई हैं। माता-पिता का रोजगार छिनने के कारण स्कूलों की फीस नहीं भर पाने की वजह से भारी तादाद में स्कूलों से बच्चों के नाम कट गए हैं, और नये छात्रों का दाखिला नहीं हो सका है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक पठन-पाठन की बजाय निजी कामकाज, ट्यूशन और राजनीति में रु चि लेते हैं। नतीजतन, कुछ समय बाद ही पढ़ाई-लिखाई से छात्रों का मोहभंग होने लगता है।

ग्रामीण इलाकों में तो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से अभिभावक अपने बच्चों को थोड़ा-बहुत पढ़ाने के बाद ही मजदूरी में लगा देते हैं। इसी कारणदेश में बाल मजदूरी अब तक खत्म नहीं हो सकी है। ऐसे में दाखिलों की दर में गिरावट रोकने के लिए सरकार को ठोस योजना के साथ आगे बढ़ना होगा। स्थिति में तुरंत बदलाव लाया जाना जरूरी है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment