चौथी पारी की चुनौतियां

Last Updated 17 Nov 2020 12:16:46 AM IST

नीतीश कुमार ने सोमवार को सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।


चौथी पारी की चुनौतियां

इसके साथ ही उनकी लगातार चौथी पारी शुरू हो गई। बहरहाल, उनके शपथग्रहण समारोह में एक तरह से इसका भी प्रदर्शन हो रहा था कि नीतीश कुमार के लिए चौथी पारी, काफी चुनौतियों भरी साबित होने जा रही है। इन चुनौतियों के बाहरी पक्ष को रेखांकित करते हुए, विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए के जनादेश को ही चुनौती देते हुए, शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। इससे अंदाजा लग जाता है कि पिछली बार के उलट, इस बार सत्ताधारी गठबंधन को आक्रामक विपक्ष की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

इस चुनौती की गंभीरता इस तथ्य से और भी बढ़ जाती है कि सत्ताधारी गठबंधन को विधानसभा में, बहुमत से सिर्फ तीन सीटें ज्यादा मिली हैं। इसके ऊपर से उसका बहुमत हम और वीआइपी जैसी पार्टियों के आठ विधायकों के आसरे है, जिन्होंने अपने बनने के बाद चंद वर्षो में ही एक से ज्यादा बार पाले बदले हैं। चुनौतियों के दूसरा पक्ष आंतरिक है और इसकी भी एक झलक नीतीश कुमार की नई सरकार के शपथग्रहण में ही दिखाई दे गई। सोमवार को नीतीश कुमार के साथ शपथ लेने वाले 14 मंत्रियों में, दो-दो उपमुख्यमंत्री शामिल थे-तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी।

उतना ही महत्त्वपूर्ण यह कि भाजपा के साथ नीतीश कुमार के गठबंधन में अब तक लगातार उपमुख्यमंत्री पद संभालते आए सुशील मोदी को गठबंधन सरकार से ही नहीं, संभवत: बिहार की राजनीति से भी पदोन्नति देकर हटाने की बात है। भाजपा से दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने और भाजपा के स्पीकर के पद पर दावा किए जाने में इसके स्पष्ट संकेत छुपे हुए हैं कि नीतीश कुमार भले ही मुख्यमंत्री पद पर रहें, कुल मिलाकर गठबंधन सरकार के नेतृत्व में भाजपा, विधानसभा में बदले हुए शक्ति संतुलन के अनुरूप, अपना पलड़ा भारी रहना सुनिश्चित करेगी। इसके दबाव के बीच, सुशील मोदी की जगह लेने वाले नये उप-मुख्यमंत्रियों के साथ पटरी बैठाना, नीतीश कुमार के लिए आसान नहीं होगा।

दूसरी ओर उन्हें, खासतौर पर रोजगार जैसे जनहित के मुद्दों पर, नीतीश कुमार को ठोस नतीजे लाकर दिखाना होगा। इस चुनाव में जिस तरह रोजगार के मुद्दे ने केंद्रीयता हासिल की है और महागठबंधन के दस लाख नौकरियों के वादे के मुकाबले में भाजपा ने उन्नीस लाख लोगों को काम दिलाने का वादा किया है, उससे चौथी पारी में नीतीश की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ने वाली है।



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