एग्जिट पोल में ‘आप’
दिल्ली विधानसभा का चुनाव खत्म हो गया है और अब सभी को 11 फरवरी का इंतजार है, जिस दिन परिणाम आएंगे।
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मगर मतदान खत्म होने के तुरंत बाद जारी एग्जिट पोल्स में केजरीवाल को फिर से दिल्ली की तख्त मिलने जा रही है। 8 एग्जिट पोल्स में यह दिखाया गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) स्पष्ट बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। अगर सभी पोल का औसत निकालें तो आप को 54, भारतीय जनता पार्टी को 15 और कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है।
सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा को एक भी पोल में बढ़त नहीं दिखाई गई है। हालांकि 2015 में संपन्न विधानसभा चुनाव में सभी पोल फेल हुए थे। उस वक्त 6 एग्जिट पोल्स में आप को 45, भाजपा को 24 और कांग्रेस को। सीट मिलने का अंदाजा लगाया था।
जबकि असली नतीजों में आप को इससे कहीं ज्यादा 67 और भाजपा को महज 3 सीटें मिलीं। दिल्ली से हटकर अगर एग्जिट पोल की बात करें तो 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कई एजेंसियों का अनुमान गलत साबित हुआ। इसमें भाजपा की बंपर जीत की बात कही गई थी जबकि अंतिम परिणाम इसके बिल्कुल उलट आया था। कुल 243 विधानसभा सीटों में जद (यू), राजद और कांग्रेस गठबंधन को 178 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि एग्जिट पोल में भाजपा गठबंधन को 155 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान लगाया गया था।
हालांकि एग्जिट पोल में केजरीवाल की सरकार बनने के दावों को भाजपा सिरे से खारिज कर रही है। पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि एग्जिट पोल्स के दावों की 11 तारीख को हवा निकल जाएगी। इससे इतर चर्चा करें तो अगर पिछले 10-15 सालों के एग्जिट पोल का विश्लेषण करें तो करीब-करीब सभी एग्जिट पोल्स के अनुमान नतीजों के आगे-पीछे ही आए हैं। फिर भी अंतिम परिणाम का इंतजार तो करना ही होगा।
अनुमान के आधार पर किसी की जीत या हार की बात कहना कहीं से भी समझदारी नहीं कही जाएगी। वैसे दिल्ली का ट्रेंड यह कहता है कि चुनाव में अभी तक मत प्रतिशत में 8 फीसद तक उतार-चढ़ाव पर कभी सरकार नहीं बदली है। दिल्ली में 27 साल में केवल 2 बार ही सत्ता बदली है। ज्यादातर एग्जिट पोल में आप की दो तिहाई बहुमत के साथ वापसी का दावा करने वाली एजेंसियों का भी बहुत कुछ दांव पर है। देखना है मंगलवार को नतीजों के ऐलान के बाद किसका ‘मंगल’ होता है?
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