गहरी हैं चुनौतियां
केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों के लिए कुछ अहम घोषणाएं की हैं।
गहरी हैं चुनौतियां |
निर्यात की बेहतरी के लिए ऐसी प्रोत्साहन योजना का ऐलान किया है, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुकूल हो। यह योजना आगामी 1 जनवरी, 2020 से लागू होगी। इसके चलते सरकार करीब 50,000 करोड़ रु पये के करों से वंचित होगी। पहले ऐसी योजनाओं से सरकार करीब 45,000 करोड़ रु पये के करों से वंचित होती थी। यानी कुल मिलाकर पांच हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ सरकार ने उठाया है। गौरतलब है कि इस घोषणा के कुछ घंटों पहले ही निर्यात के बेहद चिंताजनक आंकड़े आए थे।
अगस्त 2018 के मुकाबले पिछले माह निर्यात में करीब छह प्रतिशत की गिरावट हुई थी। ग्लोबल ट्रेड वार के चलते विश्व व्यापार तमाम किस्म की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में निर्यातकों को ठोस रियायतें देना बनता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि 2020 तक चार शहरों में बड़े शापिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जायेगा। इनकी थीम हस्तशिल्प, योग, पर्यटन और टेक्सटाइल पर केंद्रित रहेगी। पूरी दुनिया में दुबई शापिंग फेस्टिवल अपनी गुणवत्ता के लिए चिह्नित किये जाते हैं। उस स्तर के आयोजन अगर भारत में संभव हो पाएं, तो बहुत अच्छा होगा।
रीयल इस्टेट के कारोबार को बढ़ावा देने वाले कई कदमों की घोषणा भी वित्त मंत्री ने की। करीब 20,000 करोड़ रु पये का फंड रीयल इस्टेट के क्षेत्र में मुहैया कराया जायेगा। सरकारी कर्मिंयों को मकान के लिए कर्ज के ब्याज में राहत दी जायेगी। जीएसटी का रिफंड निर्यातकों को तेजी से दिलवाया जायेगा। इनसे साफ होता है कि सरकार को समस्याओं का अहसास तो है। पर देखने की बात यह है कि समस्याओं के सारे हल सरकार के पास नहीं हैं। हालांकि कांग्रेस इस सरकार पर अनुभवहीनता के आरोप लगाती है पर ग्लोबल ट्रेड वार के लिए ट्रंप कोऔर चीन के ट्रेड वार के लिए कोई भी भारतीय सरकार जिम्मेदार नहीं ठहरायी जा सकती।
रीयल इस्टेट की दुर्गति के लिए इस धंधे के ठग कारोबारी जिम्मेदार हैं, जो निवेशकों की रकम हजम कर गये हैं और कुछ भी बनाकर निवेशकों को नहीं दिया है। ऐसे तमाम मामले अदालतों में हैं। आम्रपाली समेत तमाम परियोजनाओं में हाथ जलाकर निवेशक किसी भी नयी रीयल इस्टेट परियोजना से दूर भाग रहे हैं। विश्वास का संकट है। इसके हटने में वक्त लगता है। वह कुछ घोषणाओं से वह एक झटके में दूर नहीं होता।
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