भारत की जय
देश में आजकल खुशी का माहौल है, वजह इंग्लैंड और वेल्स में चल रहे क्रिकेट विश्व कप में भारत का पाकिस्तान को फतह कर लेना है।
भारत की जय |
विराट कोहली ने अपने पूर्व कप्तानों की तरह विश्व कप में भारत के पाकिस्तान के खिलाफ विजयी सिलसिले को बनाए रखा है। इस तरह टीम इंडिया ने अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विश्व कप में खेले सभी सात मैच जीते हैं। पिछले एक-दो साल के प्रदर्शनों के आधार पर टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ जीत का ही नहीं इंग्लैंड के साथ खिताब जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सभी मान रहे थे कि पाकिस्तान की टीम भारत के मुकाबले की नहीं है। पर दो साल पहले इंग्लैंड में ही चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान की टीम इंडिया पर बड़ी जीत पाने से कुछ लोगों को लग रहा था कि मुकाबला संघषर्पूर्ण होगा। पहले रोहित शर्मा के शतक और लोकेश राहुल और कप्तान विराट कोहली के अर्धशतकों से 336 रन बनाने के बाद ही भारतीय जीत की संभावनाएं बढ़ गई थीं। लेकिन पाकिस्तान के एक समय एक विकेट पर 117 रन बना लेने से लग रहा था कि वह मुकाबले में संघर्ष में आ सकती है। इस समय बाबर आजम और फखर जमां की जोड़ी 104 रन की साझेदारी निभा चुकी थी। लेकिन कुलदीप यादव की दो जादुई गेंदों ने मैच को पूरी तरह से भारत के पक्ष में कर दिया।
यह सही है कि भारत और पाकिस्तान के मुकाबले के दौरान भले ही पहले जैसा तनाव अब देखने को नहीं मिलता है और हारने पर खिलाड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन भी नहीं होते हैं। पर मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर तनाव तो रहता ही है। मैनचेस्टर में भी शहर और स्टेडियम में दोनों देशों के प्रशंसकों की भरमार थी। इनके उत्साह को देखकर लग ही नहीं रहा था कि यह मैच भारत या पाकिस्तान के किसी शहर में नहीं खेला जा रहा है। भारत और पाकिस्तान के इस मैच को देशवासियों ने भी देखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब सवाल यह है कि जब हर देशवासी भारत और पाकिस्तान के मुकाबले को देखने में इतनी दिलचस्पी रखता है तो दोनों देशों के आपस में खेलने को लेकर विरोध क्यों? बेहतर हो दोनों देशों के बीच फिर से क्रिकेट संबंध स्थापित किए जाएं ताकि क्रिकेटप्रेमी रोमांचकता की हद तक पहुंचने वाले दोनों देशों के मुकाबले को देखने से वंचित तो ना हों।
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