2 अप्रैल मेरे जीवन का अहम दिन: तेंदुलकर
विश्वकप 2011 जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर ने सोमवार को मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित किया.
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क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने कहा कि विश्वकप जीतना उनके जीवन का सपना था. उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी जो क्रिकेट खेलना शुरू करता है उस दिन से ही उसका सबसे बड़ा सपना होता है विश्वकप जीतना.
तेंदुलकर का कहना है कि आईसीसी विश्व कप खिताब जीतना उनके लिए ख्वाब को हकीकत में बदलने जैसा है.
सचिन ने कहा आज वह दिन आ गया जिस मुकाम को हासिल कर पूरी टीम गौरवान्वित महसूस कर रही है.
तेंदुलकर ने इस विश्व कप में नौ मैचों में 482 रन बनाए थे जिसमें 120 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा था. तेंदुलकर का कहना है कि जीत में टीम के सभी खिलाड़ियों की मेहनत शामिल है.
संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए सचिन ने कहा कि यह जीत पूरी टीम की मेहनत का प्रतिफल है. अकेला कोई विश्वकप नहीं हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा खेलते समय हर खिलाड़ी का ध्यान इसी पर रहता है कि वह कैसे और अच्छा कर सकता है.
सचिन ने कहा कि 2 अपैल मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन है. उन्होंने कहा कि हम सभी खिलाड़ी एक दूसरे के लिए खेले. सबसे बड़ी बात तो यह है कि हम देश के लिए खेले.
सचिन ने कहा कि वैसे तो जीवन में हर व्यक्ति पर उसके क्षेत्र के काम का दबाव रहता है ठीक उसी तरह हर खिलाड़ी पर प्रेशर रहता है.
उन्होंने कहा कि हमें आज भी वह दिन याद है कि जब पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर हमें ड्रेसिंग रूम ले जाकर सबसे परिचय कराया था.
उन्होंने टीम इंडिया के कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि ‘धोनी बहुत अच्छे कप्तान हैं’. साथ ही उन्होंने विश्वकप जिताने में गुरू गैरी कस्टर्स के योगदान की भी सराहना की.
उन्होंने कहा कि गैरी ने जो भी निर्णय लिया वह फिट साबित हुए और हम लोगों ने उनके निर्णयों पर बखूबी अमल किया. इसके अलावा तेंदुलकर ने कर्स्टन के बारे में कहा कि टीम को कर्स्टन की कमी खलेगी.
सचिन ने कहा कि अच्छे परफार्मेंस की तो गारंटी नहीं दे सकते लेकिन हम अच्छे एफर्टस की गारंटी तो दे ही सकते हैं.
सचिन ने विश्वकप के लिए देश के सभी लोगों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा देशवासियों की दुआओं से ही विश्वकप आज भारत की झोली में है.
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