सचिन और युवराज का सपना साकार
बड़ी जीत की बड़ी खुशी होती है जो भावनाओं में बहने और फूट-फूटकर रोने को विवश कर देती हैं.

शनिवार को वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद मैन ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह रोते-रोते जमीन पर बैठ गए और उनका गला रूंध गया. दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर अपनी भावनाओं को नहीं रोक पा रहे थे और खुशी के मारे उनकी आंखों से आंसू छलक उठे.
भारत की वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत के बाद कोई भी सचिन तेंदुलकर के भावुकता को देख सकता है जो अपने बचपन के सपने के सच हो जाने से बेहद खुश थे.
तेंदुलकर ने कहा कि जब मैं बच्चा था तो मैं इस सपने के साथ बड़ा हुआ कि एक दिन विश्व कप हाथ में उठाऊंगा . इसके साथ मेरे कैरियर में कई चीजें हुए और मैं इन सबके लिये बहुत खुश हूं.
उन्होंने रविवार को पत्रकारों से कहा कि लेकिन यह विशिष्ट उपलब्धि है. इससे सभी भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी. कई भारतीय विदेशों में रहते हैं और उन्हें हमारी उपलब्धि पर गर्व है.
मैन ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह ने कहा कि इस टीम ने हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश की और टीम में एकजुटता बनी रही.
युवराज ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने वि कप को एक हजार बार तो चूम लिया होगा . यह बेहतरीन टीम है जो एक दूसरे का समर्थन करती है. गैरी कर्स्टन का धन्यवाद जिनके कारण हम अपना प्रदर्शन सुधार पाये. हम कभी आत्ममुग्धता के शिकार नहीं बने. ’’
युवराज से उस भावनात्मक क्षण के बारे में पूछा गया कि जब तेंदुलकर ने उन्हें गला लगाया, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि जब उन्होंने मुझे गले लगाया तब उन्होंने क्या कहा था लेकिन मैंने कभी सचिन के आंखों में आंसू नहीं देखे थे. ’’
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