Operation Kalanemi: उत्तराखंड में वास्तविक पहचान छिपाकर अपराध करने वाले 14 ‘कालनेमि’ गिरफ्तार
Operation Kalanemi: अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर लोगों से ठगी, धोखाधड़ी तथा धर्मांतरण जैसे अपराध करने वालों के खिलाफ उत्तराखंड में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत प्रदेश भर में अब तक 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, नीलेश आनन्द भरणे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने राज्य में 5500 से अधिक लोगों से पूछताछ की, जिनमें 1182 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई भी की गयी।
पुलिस ने बताया कि 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से कुछ बांग्लादेशी नागरिक हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने जुलाई में यह अभियान शुरू किया था। अगस्त में उत्तराखंड के अधिकारियों ने बताया था कि राज्य में 4,000 लोगों से पूछताछ के बाद ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
भरणे ने बताया कि जनता की सुरक्षा तथा राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जुलाई में शुरू किए गए इस अभियान को उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की गयी, ठगी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश किया गया और बाहरी तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस अभियान का प्रभाव विशेषकर उन जिलों में अधिक देखा गया जहां बाहरी तत्वों की सक्रियता की सूचना प्राप्त हुई थी।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार जिले में अब तक 2704 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया और उनमें से तीन को गिरफ्तार किया गया जबकि देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया जिनमें से पांच की गिरफ्तारियां की गईं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और अन्य जिलों में भी पुलिस निरंतर कार्रवाई कर रही है।
भरणे ने कहा कि देवभूमि की पवित्र छवि को बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा शुरू किया गया यह अभियान अभी आगे भी जारी रहेगा।
कुछ मामलों का जिक्र करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान सेलाकुई में अपनी असली पहचान छिपाकर बंगाली डॉक्टर अमित कुमार के रूप में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक चयन अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। अधिकारी अपनी पहचान बदलकर फर्जी कागजात के सहारे पिछले आठ साल से यहां रह रहा था।
उन्होंने बताया कि सेलाकुई से ही कश्मीर के अनंतनाग निवासी इफराज अहमद लोलू को हिरासत में लिया गया जो अपना धर्म छिपाकर लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसा रहा था।
फराज अपना नाम राज आहूजा बताता था और खुद को दिल्ली का एक बहुत अमीर व्यक्ति बताता था।
कालनेमि एक असुर था जिसका दोनों प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों - रामायण और महाभारत में उल्लेख है। रावण के मामा मारीच के पुत्र कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर लक्ष्मण की मूर्छा को तोड़ने के लिए संजीवनी बूटी ला रहे हनुमान का रास्ता रोकने का प्रयास किया था। हांलांकि, हनुमान उसकी असलियत समझ गए और उन्होंने उसका वध कर दिया था। महाभारत काल में कालनेमि का पुनर्जन्म कंस के रूप में हुआ जिसका संहार भगवान कृष्ण ने किया।
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